बांग्लादेश के किशोरगंज जिले में स्थित पगला मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में है। यह मस्जिद न सिर्फ अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जानी जाती है बल्कि यहां हर बार खुलने वाली दान पेटियों से निकलने वाले करोड़ों रुपये भी इसे खास बना देते हैं। इस बार मस्जिद की दान पेटियों को 4 महीने 12 दिन बाद खोला गया है। कुल 11 दान पेटियों को खोला गया और जो रकम निकली, वो इतनी ज्यादा थी कि 28 बोरों में भरनी पड़ी। ये रकम बांग्लादेशी मुद्रा “टका” में है और इसे गिनने के लिए 400 लोगों की टीम लगाई गई है।
कैसे और किसके सामने खोली गईं पेटियां?
किशोरगंज के उपायुक्त फौजिया खान और पुलिस अधीक्षक मोहम्मद हसन चौधरी की मौजूदगी में यह प्रक्रिया पूरी की गई। उन्होंने खुद निगरानी की और बताया कि 11 दान पेटियों में से एकत्रित नकदी को मस्जिद की दूसरी मंजिल पर ले जाया गया, जहां गिनती का कार्य शुरू किया गया।
कौन-कौन है गिनने वाली टीम में?
गिनती करने वाली टीम में शामिल हैं:
- मस्जिद प्रबंधन समिति के सदस्य
- स्थानीय शिक्षक
- मदरसे के छात्र
- अनाथालय के बच्चे
- बैंक अधिकारी
यह लगभग 400 लोगों की टीम है, जो पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से इस रकम की गिनती कर रही है। इस प्रक्रिया में रूपाली बैंक के AGM मोहम्मद अली हरेसी भी शामिल रहे।
मस्जिद के बैंक अकाउंट में कितने पैसे हैं?
मस्जिद की प्रबंधन समिति की प्रमुख फौजिया खान ने बताया कि फिलहाल पगला मस्जिद के बैंक खाते में 80.75 करोड़ टका जमा हैं। यह रकम बीते कुछ वर्षों में धीरे-धीरे जमा हुई है। इतना ही नहीं, मस्जिद को मिलने वाली राशि में विदेशी मुद्रा और सोने के आभूषण भी शामिल होते हैं।
पिछली बार कितनी रकम मिली थी?
इससे पहले 30 नवंबर 2023 को दान पेटियों को खोला गया था, तब कुल 10 पेटियां और एक टैंक खोला गया था, उस समय 8.21 करोड़ टका की गिनती हुई थी विदेशी मुद्रा और सोने के जेवर भी निकले थे। इससे यह साफ है कि पगला मस्जिद न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के सबसे अधिक दान प्राप्त करने वाले धार्मिक स्थलों में गिनी जाती है।
क्यों इतना चढ़ावा चढ़ाते हैं लोग?
स्थानीय लोग मानते हैं कि पगला मस्जिद में मांगी गई मुरादें पूरी होती हैं। यहां दान देने को लोग अपने जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाने का जरिया मानते हैं। कुछ श्रद्धालु तो शादी, नौकरी, बीमारी से मुक्ति जैसे अवसरों पर यहां आकर नकदी, गहने और विदेशी मुद्रा चढ़ाते हैं।
क्या होता है इस दान का?
मस्जिद प्रशासन इस पैसे का इस्तेमाल
- मस्जिद के रख-रखाव
- मदरसे के संचालन
- अनाथालय की देखभाल
- गरीबों की मदद
- स्थानीय विकास कार्यों
में करता है। सभी कार्यों की जानकारी आम जनता को दी जाती है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।