फलस्तीन में इस्राइल की कार्रवाई के खिलाफ और लोगों की हिफाजत के लिए बड़ा इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद, टीले वाली मस्जिद, ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद सहित शहर की तमाम मस्जिद में जुमा की नमाज में दुआ मांगी गई। उलमा ने दोनों ओर से जारी बमबारी में निर्दोष लोगों के मारे जाने पर दुख जताया और अमन कायम करने के लिए बमबारी रोकने की अपील की।

उन्होंने कहा कि फलस्तीनियों को मारकर शांति स्थापित नहीं होगी। मजलिसे उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि अल्लाह के रसूल ने फरमाया है कि हमेशा मजलूम का साथ दो, वह अजनबी ही क्यों न हो और कभी जालिम का साथ न दो, वह तुम्हारा भाई ही क्यों न हो। यही वजह है कि हम मजलूम फलस्तीनियों के समर्थन में और जालिमों की बर्बादी के लिए दुआ कर रहे हैं।

इस मौके पर मौलाना रजा हैदर जैदी, मौलाना रजा हुसैन रिजवी, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना जव्वार हुसैन, मौलाना कमरुल हसन, मौलाना फैज अब्बास मशद्दी, मौलाना हसन जाफर, मौलाना तनवीर अब्बास आदि मौजूद रहे।

उधर, ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में जुमा की नमाज से पहले मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मस्जिद ए अकसा और बैतुल मुकददस दुनिया भर के मुसलमानों के लिए काफी अहम और मुकद्दस है।

इस मुकद्दस जमीन पर यहूदियों ने 1948 से कब्जा कर रखा है। मौलाना ने तमाम देशों से फलस्तीनियों की समस्या के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को अमल में लाने के प्रयास करने की अपील की।

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