उत्तर प्रदेश के बरेली में आयुष्मान योजना को धोखा बताकर दीपमाला अस्पताल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा ने एक मरीज विजयलक्ष्मी (59) को अस्पताल से बाहर निकाल दिया था। उस मरीज की मौत हो गई है। इस मामले में डॉ. सोमेश मेहरोत्रा के खिलाफ जांच भी शुरू हो गई है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल पहुंचकर नोटिस दिया। इसके बाद उस पर जांच शुरू हो गई।
बता दें कि पैरालिसिस का अटैक पड़ने के बाद शाहजहांपुर के मिर्जापुर कलान की विजयलक्ष्मी को परिजन छह नवंबर की देर रात अस्पताल लेकर पहुंचे थे। आरोप है कि आयुष्मान कार्ड से इलाज करने की बात कही तो डॉक्टर ने अभद्रता करते हुए अगले दिन मरीज को निकाल दिया। आरोप है कि उन्होंने आईसीयू में भर्ती ब्रेन स्ट्रोक की मरीज विजय लक्ष्मी के बेटे से अभद्रता की। उन्हें व मरीज को धक्के देकर बाहर निकालने को कहा। बोले, आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने चला आया। सरकारी अस्पताल क्यों नहीं गया। वहां नेता और डॉक्टर मिलकर बजट खा जाते हैं। वहां दवा नहीं, चूरन-चटनी मिलती है। इस घटनाक्रम के बाद मरीज को अस्पताल से निकाल दिया गया। दिल्ली ले जाते समय उनकी मौत हो गई थी।
एक वीडियो वायरल होने पर डॉ. सोमेश मेहरोत्रा के खिलाफ जांच शुरू हो गई। वीडियो में वह कहते सुनाई दे रहे कि फ्री में उपचार नहीं, धोखा मिलेगा। छह हजार रुपये के इंजेक्शन की रसीद मांग रहे हो, ताकि उसे तुम बाहर जाकर दिखाओ और शिकायत कर दो। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर आयुष्मान पैनल से अस्पताल की संबद्धता छीन ली गई। वहीं, शनिवार को जांच टीम ने आरोपी डॉ. सोमेश मेहरोत्रा के बयान भी दर्ज किए हैं। वहीं, सीएमओ डा. विश्राम सिंह का कहना है कि दीपमाला अस्पताल का नाम आयुष्मान योजना से निरस्त करने की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। एसीएमओ डा. राकेश और डा. लईक अहमद अंसारी को जांच सौंपी गई है। तीमारदार के बयान के आधार पर जांच जारी रखेगी।
विजय लक्ष्मी के बेटे मोहन गोविंद गुप्ता ने फोन पर पूरा घटनाक्रम बताया। गोविंद मोहन के मुताबिक सात नवंबर की रात करीब दो बजे मां को लेकर दीपमाला अस्पताल पहुंचे। आयुष्मान कार्ड लगाने के बाद भी रुपये वसूले गए। 24 घंटे बाद रुपये खत्म हुए तो कार्ड से इलाज के बारे में पूछा। इस पर डॉ. सोमेश भड़क गए और गालियां देते हुए निकाल दिया। तब तक वह 1.40 लाख का भुगतान कर चुके थे। अब इस मामले में पूरी जांच की जा रही है।