उन्होंने 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 20 वर्षीय दलित महिला के बलात्कार और 2013 में बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक कॉलेज छात्रा के बलात्कार और बर्बर हत्या का जिक्र किया, साथ ही पिछले हफ्ते राजस्थान के जयपुर में एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के बलात्कार के मामले को भी विधानसभा में बोलते हुए उठाया।
उन्होंने विधानसभा में गरजते हुए कहा, “यूपी और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर असामान्य रूप से उच्च हैं… और वहां कोई न्याय नहीं है लेकिन बंगाल में महिलाओं को अदालतों से न्याय मिलेगा।”
उन्होंने कहा, “कामदुनी मामले (उत्तर 24 परगना बलात्कार) में हमने फांसी की सजा की मांग की थी… लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के खिलाफ जाकर मामला लंबित कर दिया। कोई भी उन्नाव में क्या हुआ उसके बारे में बात नहीं करता (और) हाथरस की पीड़िता को न्याय नहीं मिला…”
Kolkata: At the West Bengal Assembly, CM Mamata Banerjee says, “…I express my condolences to the girl who was raped, murdered and to her family. When the RG Kar incident took place on the night of 9th August, I was in Jhargram. On 10th August, the body was found, and on 12th… pic.twitter.com/TjTZS1gJnc
— ANI (@ANI) September 3, 2024 ” data-loaded=”true”>
Kolkata: At the West Bengal Assembly, CM Mamata Banerjee says, “…I express my condolences to the girl who was raped, murdered and to her family. When the RG Kar incident took place on the night of 9th August, I was in Jhargram. On 10th August, the body was found, and on 12th… pic.twitter.com/TjTZS1gJnc
— ANI (@ANI) September 3, 2024
ममता बनर्जी की तीखी टिप्पणियां तब आईं जब उनकी तृणमूल कांग्रेस ने एक नया कानून पेश किया, जो बलात्कार को हत्या के बराबर अपराध बना देगा जिसके लिए सजा मौत या आजीवन कारावास होगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अपराजिता कानून का उद्देश्य तेजी से जांच और कड़ी सजा सुनिश्चित करना है।
तीन नए आपराधिक कानूनों के सेट पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, अपराजिता कानून केंद्र द्वारा पारित कानूनों में “कमियों को दूर करेगा”।
अपने भाषण में उन्होंने रेप-मर्डर किए गए आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के परिवार के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की। ममता बनर्जी के भाषण को विपक्षी बीजेपी ने चुपचाप सुना, जो इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को लगातार निशाना बना रही है, लेकिन इस कानून पर अस्थायी समर्थन दिया है।
बनर्जी ने कोलकाता पुलिस और केंद्रीय एजेंसी के बीच टकराव को रेखांकित करते हुए कहा, “हम सीबीआई से न्याय चाहते हैं… सीबीआई को अपराधी को फांसी देनी चाहिए।” यह दरार तब उभरी जब कलकत्ता हाई कोर्ट ने पिछले महीने मुख्यमंत्री के फैसले को पलट दिया और मामला सीबीआई को सौंप दिया।
यह घटना तब हुई जब ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को मामले को सुलझाने के लिए सात दिन की समय सीमा दी थी।