कथित मनी लॉन्ड्रिंग ksm का सामना कर रहे तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी के खिलाफ ED ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ED को तलब कर लिया। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से इसके पीछे ब्योरा मांगा हैं। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से इस बारे में जानकारी मांगी। यह सूचना तब मांगी गई जब वह दंपति की विदेश यात्रा की अनुमति से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
ED ने क्यों जारी किया लुकआउट? सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विदेश यात्रा करना भी एक अधिकार है, जब तक कि यह मानने का कारण न हो कि आरोपी भाग जाएगा। पीठ ने कहा, ‘जांच लंबित है। जरूरत होने पर आप उन्हें बुला सकते हैं। आपने किस आधार पर उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। विदेश यात्रा भी एक अधिकार है जब तक कि कोई कारण न हो कि आरोपी भाग जाएगा।’ कोर्ट ने कहा, ‘हम केवल यह जानना चाहते हैं कि क्या याचिकाकर्ताओं के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। वे विदेश में मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए जाना चाहते हैं, उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए?
अभिषेक और उनकी पत्नी की तरफ से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि टीएमसी सांसद को चिकित्सा कारणों से 26 जुलाई को विदेश जाना है। उन्होंने कहा कि बार-बार सूचित करने के बावजूद एजेंसी ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके कारण उन्हें शीर्ष अदालत का रुख करना पड़ा। सिब्बल ने कहा कि अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी ने पूर्व में विदेश यात्रा की थी और उनके खिलाफ जांच में कोई बाधा नहीं आई।
शीर्ष अदालत ने पूर्व में ईडी को कथित कोयला घोटाले के संबंध में कम से कम 24 घंटे पहले नोटिस देने के बाद अपने कोलकाता कार्यालय में दंपति से पूछताछ करने की अनुमति दी थी। रुजिरा को ईडी के लुकआउट नोटिस का हवाला देते हुए 5 जून को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जाने वाली उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, जिसमें उन्हें एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।
ईडी ने नवंबर 2020 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी में राज्य के आसनसोल और इसके आसपास कुनुस्तोरिया और काजोरा क्षेत्रों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने नवंबर 2020 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी में राज्य के आसनसोल और इसके आसपास कुनुस्तोरिया और काजोरा क्षेत्रों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया था।
स्थानीय कोयला तस्करी गिरोह के सरगना अनूप माझी उर्फ लाला पर इस मामले में मुख्य संदिग्ध होने का आरोप है। ईडी ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक (35) इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन के लाभार्थी थे। अभिषेक ने सभी आरोपों से इनकार किया है।