शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से बहस पूरी होने के बाद सोमवार को हाईकोर्ट का आने वाला फैसला टल गया है। हाईकोर्ट अब इस मामले में एक मई को फैसला सुनाएगा। यह याचिका शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट और श्रीकृष्ण विराजमान के बीच भूमि विवाद को लेकर दायर की गई है।

मथुरा की अदालत में चल रहे मुकदमे की सुनवाई पर पहले ही रोक लगी है। अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने यह कहते हुए रोक हटाने की मांग की कि मूल वाद पर समन जारी किया गया है। यह कार्यवाही अंतरिम आदेश को लेकर है। दोनों पक्षों की तरफ से जवाबी दावे प्रतिदावे दाखिल किए जा चुके हैं। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था और 24 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश जारी किया था।

शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट व अन्य की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की एकल पीठ कर चुकी है। सोमवार को कोर्ट में मामला प्रस्तुत होते ही फैसला सुनाने की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब एक मई को फैसला सुनाया जाएगा।

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मथुरा की तरफ से सिविल जज की अदालत में सिविल वाद दायर कर 20 जुलाई 1973 के फैसले को रद्द करने तथा 13.37 एकड़ कटरा केशव देव की जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान के नाम घोषित किए जाने की मांग की गई थी। वादी की ओर से कहा गया था कि जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर 1973 में दिया गया फैसला वादी पर लागू नहीं होगा। क्योंकि, वह पक्षकार नहीं था।

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की आपत्ति की सुनवाई करते हुए अदालत ने 30 सितंबर 20 को सिविल वाद खारिज कर दिया। जिसके खिलाफ भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से अपील दाखिल की गई। विपक्षी ने अपील की पोषणीयता पर आपत्ति की। जिला जज मथुरा की अदालत ने अर्जी मंजूर करते हुए अपील को पुनरीक्षण अर्जी में तब्दील कर दिया।

पुनरीक्षण अर्जी पर पांच प्रश्न तय किए गए। 19 मई 22 को जिला जज की अदालत ने सिविल जज के वाद खारिज करने के आदेश 30 सितंबर 20 को रद्द कर दिया और अधीनस्थ अदालत को दोनों पक्षों को सुनकर नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है, जिसकी वैधता को इन याचिकाओं में चुनौती दी गई है।

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