लोकसभा चुनावों को लेकर सत्ताधारी भाजपा ने बाकी दलों के मुकाबले अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। सत्ताधारी भाजपा के कई सांसदों के फिर से चुनाव लडऩे पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। इनमें करीब दो दर्जन सांसद ऐसे हैं जो पार्टी की ओर से निर्धारित 75 साल की उम्र सीमा को पार कर चुके हैं तो कईयों पर स्थानीय कार्यकर्ताओं और जनता की नाराजगी भारी पडऩे वाली है। इतना ही नहीं कई सांसद विवादों से घिरे रहने के कारण अपने टिकट को लेकर असमंजस में हैं।
देवरिया-बलिया जिले को जोडक़र बने सलेमपुर संसदीय सीट पर रविंद्र कुशवाहा टिकट की दौड़ से बाहर होने वाले हैं। दो बार से भाजपा के टिकट पर सांसद रहे कुशवाहा को लेकर क्षेत्र में काफी नाराजगी है। इसके अलावा स्थानीय निकाय चुनाव में भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इन्होंने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिलवाया जो जीती हुई भाजपा की सीट को गंवा बैठा। कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी उम्रसीमा को पार कर चुके हैं और टिकट की रेस से बाहर हैं।
इसी तरह बरेली के सात बार लगातार सांसद रहे संतोष गंगावार को भी सम्मान पूर्वक संरक्षक मंडल का रास्ता दिखाया जा सकता है। इसी तरह मथुरा से दो बार सांसद रही फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को भी तीसरी बार मौका नहीं मिलेगा। उम्र सीमा के दायरे में होने के कारण अब उनकी सेवाएं पार्टी संगठन के लिए ली सकती हैं।
राजनीति से सेवामुक्त होने की कोई उम्र सीमा नहीं होती है। लेकिन भाजपा ने अपने उम्रसीमा को लेकर खुद ही नियम बनाया है जिसके आधार पर कुछ वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया जाता है। इस बार प्रयागराज से सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के बारे में कहा जा रहा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेगी और राजनीति से संयास ले सकती है।
इसके अलावा उम्र सीमा के फार्मूले में उनका भी टिकट फंसता दिखाई दे रहा है। इसके अलावा डुमरियागंज से सांसद और एक दिन के मुख्यमंत्री रहे जगदम्बिका पाल, फिरोजाबाद के सांसद चंद्र सेन जादौन और मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल शामिल है।
कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपने राजनीतिक जीवन के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं तो वहीं अपने ट्वीट और सोशल मीडिया पर दिए गए बयानों के कारण भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाले पीलीभीत सांसद वरुण गांधी के टिकट पर भी संदेह बना हुआ है।
बृजभूषण शरण सिंह से पार्टी अगले लोकसभा में किनारा कर सकती है तो वरुण गांधी को संगठन में समायोजित किया जा सकता है। इसी तरह लखनऊ से सांसद और रक्षा मंत्री अब पार्टी की निर्धारित उम्रसीमा को पार कर रहे हैं ऐसे में उनके टिकट पर भी उहापोह की स्थिति है। बताया जाता है कि नियमानुसार अब उनको पार्टी मार्गदर्शक मंडल में भेजा जा सकता है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights