कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से स्वयं को मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान से अलग कर लिया है। मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि 1962 में चीनियों ने ‘कथित’ तौर पर भारत पर आक्रमण किया था।
कांग्रेस ने जहां इस बयान से खुद को अलग कर लिया, वहीं इस बयान के तूल पकड़ने के बाद मणिशंकर अय्यर ने भी ‘कथित आक्रमण’ वाले अपने बयान को लेकर माफी मांगी है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए आखिरी दौर का मतदान 1 जून को होना है। मतदान के इस आखिरी दौर से पहले एक बार फिर मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान की एंट्री हुई। मणिशंकर अय्यर ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि 1962 में चीनियों ने ‘कथित’ तौर पर भारत पर आक्रमण किया था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मसले पर कहा कि मणिशंकर अय्यर ने बाद में गलती से ‘कथित आक्रमण’ शब्द का उपयोग करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है।
जयराम रमेश ने इस दौरान मणिशंकर अय्यर की बढ़ती उम्र का भी हवाला दिया।
जयराम रमेश का कहना है कि कांग्रेस ने खुद को मणिशंकर अय्यर के इस बयान व उनकी मूल शब्दावली से दूर कर लिया है। जयराम रमेश ने कहा कि 20 अक्टूबर 1962 को भारत पर शुरू हुआ चीनी आक्रमण वास्तविक था।
हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि मई 2020 की शुरुआत में लद्दाख में चीनी घुसपैठ हुई, जिसमें हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए और यथास्थिति भंग हो गई। हालांकि, निवर्तमान प्रधानमंत्री ने 19 जून 2020 को सार्वजनिक रूप से चीनियों को क्लीन चिट दे दी, जिससे हमारी बातचीत की स्थिति गंभीर रूप से कमजोर हो गई। देपसांग और डेमचोक सहित 2000 वर्ग किमी क्षेत्र भारतीय सैनिकों की सीमा से बाहर हो गया है।
वहीं चीन के 1962 के आक्रमण को लेकर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान पर कांग्रेस व गांधी परिवार से प्रश्न किया जा रहा है। मणि शंकर अय्यर ने ‘नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स’ नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर यह विवादित टिप्पणी की थी।
विमोचन कार्यक्रम के एक वीडियो में वह कह रहे हैं कि अक्टूबर 1962 में चीनियों ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया था। हालांकि इस पूरे विषय पर अय्यर ने माफी मांग ली है।