मणिपुर पुलिस ने मैतेई लीपुन प्रमुख एम प्रमोत सिंह को कथित तौर पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और अपराधिक साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
कुकी समूहों ने कथित तौर पर मणिपुर में हिंसा को भड़काने और जारी रखने का आरोप मैतेई लीपुन और अरामबाई तेंगगोल दो कट्टरपंथी मैतेई संगठनों पर लगाया है।
कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन, सदर हिल्स, कोंगपोकपी की शिकायत के आधार पर 8 जुलाई को एफआईआर दर्ज की गई। 13 जून को कांगपोकपी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई थी,लेकिन इसे 8 जुलाई को 120B,153A, 504, 505, 506 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
मैतेई लीपुन प्रमुख के खिलाफ आरोपों में ‘आपराधिक साजिश, धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना, उल्लंघन भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना शामिल है।’
कुकी-ज़ो-चिन-हमार लोगों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग, जो मुख्य रूप से मणिपुर के पहाड़ी जिलों में रहते हैं, पहली बार मई में 10 कुकी विधायकों द्वारा उठाई गई थी, जिनमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सात विधायक भी शामिल थे। बाद में सभी प्रमुख कुकी संगठनों ने इसका समर्थन किया।
बता दें कि मणिपुर में 3 मई से दो आदिवासी समुदाओं मैतेई और कुकी के बीच जातीय झड़प हो गई। मणिपुर में आदिवासियों को लेकर कुछ खास कानून हैं, जिसके तहत वे पहाड़ी इलाकों में रह सकते हैं। वहीं, मैतई समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा न मिलने के कारण वो पहाड़ी इलाकों में नहीं बस सकते हैं। जिसके लिए मैतई समाज खुद को अनुसूचित जाति का दर्जा हासिल करवाने की मांग कर रही है।