मणिपुर में जिस तरह से महिलाओं को अर्धनग्न करके परेड कराने का वीडियो सामने आया और यह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। अमित शाह ने कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले इस वीडियो का सामने आने एक षड़यंत्र है।
गृहमंत्रालय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर में जातीय हिंसा मामले में 7 केस दर्ज किए गए हैं। इसमे दो महिलाओं को नग्न कराकर परेड कराने का भी मामला शामिल है। इस मामले की सीबीआई जांच कर रही है। गृहमंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इन मामलों की सुनवाई मणिपुर राज्य के बाहर किसी भी राज्य में की जाए।
अमित शाह ने कहा कि जिस व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो बनाया है उसे गिरफ्तार कर लिया गया है, जिस मोबाइल फोन से इस वीडियो को शूट किया गया था उसे सीज कर लिया गया है। शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि संसद सत्र से ठीक पहले मोदी सरकार को शर्मसार करने के लिए यह किया गया है। पुलिस ने दो वायरल वीडियो मामले में केस दर्ज कर लिया है।
अमित शाह ने कहा कि इस मामले में पहले ही छह केस दर्ज कर लिए गए हैं, सातवां केस दर्ज किया जा रहा है। निष्पक्ष जांच के लिए इन मामलों की जांच मणिपुर से बाहर होनी चाहिए। तीन अन्य केस को भी एनआई को सुपुर्द कर दिया गया है।
गौर करने वाली बात है कि इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया गया है। केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि वायरल वीडियो मामले में केस दर्ज करके इसे सीबीआई को सुपुर्द कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के पास ही यह अधिकार है कि वह किसी केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर कर सके।