मणिपुर में जिस तरह से फिर से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं उसे देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां यहां फिर से पहुंचने लगी हैं। इस बीच जनजातीय समुदाय के लोग दिल्ली में आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने जा रहे हैं।

दरअसल शनिवार को मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। इन तीनों को उनके घर के भीतर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। उपद्रवियों ने हत्या के बाद इनके शवों को क्षत-विक्षत कर दिया था। यह घटना मणिपुर के क्वाक्ता की है। इस घटना के बाद कूकी समुदाय के दो लोगों की चूरचांदपुर जिले में हत्या कर दी गई थी।

हिंसा की वारदात के बाद सीआरपीएफ अधिकारियों ने एक आंतरिक आदेश जारी किया और 10 कंपनियों को यहां भेजा, जिसमे एक सशत्र सीमा बल, एक ट्राइबल बॉर्डर पुलिस की टीम को रात में भी भेजने का निर्देश दिया गया। यह आदेश 5 अगस्त को ही जारी कर दिया गया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि और सुरक्षाकर्मियों की जरूरत थी, इन लोगों को हिंसा की जगहों पर तैनात किया जाएगा। अगर हमे पूरी तरह से उपद्रवियों को रोकना है तो इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की जरूरत होगी। इंटर एजेंसी यूनिफाइड कमांड के विश्लेषण के बाद इसपर फैसला लिया जाएगा।

बता दें कि मणिपुर में 3 मई से भड़की हिंसा अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दो समुदायों की बीच भड़की हिंसा में अभी तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

हिंसा के बाद से यहां 125 पैरा मिलिट्री बल की कंपनियों को भेजा जा चुका है। जबकि सेना और असम राइफल्स की 164 कॉलम को यहां भेजा जा चुका है। बता दें कि एक कंपनी में 120-135 जवान होते हैं, जबकि 55-70 जवान सेना के एक कॉलम में होते हैं।

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