मणिपुर में मई से जारी जातिय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर मणिपुर में हिंसा की आग जल उठी है। मणिपुर में पिछले 24 घंटे में कई हिंसक घटनाएं हुई हैं।

बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार (04 अगस्त) की रात मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई है। मृतक कथित तौर पर क्वाक्टा इलाके के मैतेई समुदाय से हैं। बिष्णुपुर पुलिस के मुताबिक मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई है, जबकि कुकी समुदाय के कई घरों में आग लगा दी गई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक कि कुछ लोग बफर जोन पार कर मैतेई इलाके में आए और उन पर गोलीबारी की।

अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर में फिर से हिंसा भड़कने के कारण मणिपुर राइफल्स के जवान की मौत हो गई।

भारी मात्रा में हथियार गोला-बारूद लूटा गया

भीड़ ने बिष्णुपुर के कीरेनफाबी और थंगलावई में पुलिस थाने पर हमला कर भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूटा है।

रिपोर्ट के मुताबिक भीड़ ने 235 असॉल्ट राइफलें, 21 सब-मशीन गन और 16 पिस्तौल, 9,000 राउंड गोलियां और 124 हैंड-ग्रेनेड समेत कई हथियार और गोला-बारूद लूट लिए हैं।

वहीं दो अन्य लोगों को भी गोली लगने से चोटें आईं। 03 अगस्त को कुकी समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा हिंसा में मारे गए 35 पीड़ितों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाने की घोषणा के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है।

वहीं 03 अगस्त को अन्य घटना में बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों के बीच की सीम फौगाकचाओ इखाई में सैकड़ों की संख्या में इकठ्ठा हो गई। जिसके बाद उपद्रवियों को संभालने के लिए सेना और पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।

पिछले 24 घंटे में मणिपुर में अलग-अलग घटनाओं में 347 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मणिपुर के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हिंसा की घटनाएं बढ़ने की खबर सामने आ रही है।

मणिपुर में 03 मई 2023 से जारी मैतेई और कूकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा की वजह से अब तक 150 लोग मारे गए हैं। वहीं एक हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं 50 हजार से ज्यादा लोग कैंप में रहने और राज्य छोड़कर जाने पर मजबूर हैं। महीनों से स्कूल-कॉलेज बंद हैं।

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