श्रीरामनगरी वैश्विक फलक पर चमकने को तैयार है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे।
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में अब 10 दिन शेष रह गया है, इसी के साथ रामनगरी और उसके सटे क्षेत्रों को विकास के आईने में करीने से सजाया जा रहा है। वर्तमान में अयोध्या में 32 हजार करोड़ की 178 परियोजनाएं चल रही हैं, जो अंतिम चरण में हैं। एक से बढ़कर एक कार्य हो रहे हैं। शहर के पश्चिमी कोने से उत्तर-पूर्व में नयाघाट तक 845 करोड़ की लागत से फोरलेन रामपथ परियोजना 845 करोड़ की है, जिस पर फिनिशिंग का काम हो रहा है।
श्रीराम कॉरिडोर के रूप में विकसित हो रहे जन्मभूमि पथ का काम लगभग पूरा हो चुका है। करीब 600 मीटर लंबे जन्मभूमि 60 करोड़ से ज्यादा का खर्च आया है। भक्तिपथ हनुमानगढ़ी से रामजन्मभूमि तक 700 मीटर लंबे कॉरिडोर की लागत करीब 80 करोड़ आयी है। दो किमी लंबा बन रहा धर्म पथ आभा बिखरने को तैयार है, इस पर 70 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
अयोध्या-बिल्वहरि घाट बंधा मार्ग का चौड़ीकरण 418 करोड़ से हो रहा है। इसे मार्च 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 480 करोड़ से नौ किमी लंबे पंचकोसी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण कराया जा रहा है जो जुलाई 2024 में पूरा होगा। 44 किमी लंबे निर्माणाधीन चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग को 1140 करोड़ से कायाकल्प किया जा रहा है। यह दिसंबर 2024 पूरा होगा।
अयोध्या, बस्ती, अम्बेडकरनगर, गोंडा से होकर गुजरने वाला 231 किमी लंबा चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग छह पैकेज में बनेगा। इस पर 7413 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा 1400 एकड़ भूमि पर बस रही नव्य अयोध्या यानी ग्रीन फील्ड टाउनशिप की लागत 3000 करोड़ पये है। टाउनशिप अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को संभाले हुए आधुनिकता की मिसाल बनेगी।
600 करोड़ से बने अयोध्या रेलवे स्टेशन का काम पूरा हो गया। 23 करोड़ की लागत से नयाघाट से लक्ष्मण घाट का सौंदर्यीकरण, 230 करोड़ की लागत से अयोध्या सोलर सिटी परियोजना, प्रमुख कुंडों और 33 पाकोर्ं का सौंदर्यीकरण के साथ विभिन्न योजनाएं चल रही हैं, जो अंतिम दौर में हैं।
योगी सरकार इस सांस्कृतिक नगरी को विकसित करने में जुटी है। इनके फलीभूत होने पर श्रीरामनगरी विश्व की सवरेत्कृष्ट पर्यटन नगरी के रूप में देश-दुनिया के सामने होगी।