सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय योजना एवं कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की बुधवार को मंजूरी दे दी।

इसका कुल परिव्यय 60,000 करोड़ रुपये होगा। यह भारत की व्यावसायिक शिक्षा में बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘ योजना का लक्ष्य 1,000 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को उद्योग से जुड़े नए ‘ट्रेड’ (पाठ्यक्रमों) के साथ ‘हब’ व ‘स्पोक’ व्यवस्था में उन्नत बनाना और पांच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) की क्षमता बढ़ाना है।

इसमें इन संस्थानों में कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना भी शामिल है।’’

वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार, इसे केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा, जिसका परिव्यय 60,000 करोड़ रुपये होगा।

इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 30,000 करोड़ रुपये, राज्य की 20,000 करोड़ रुपये और उद्योग की 10,000 करोड़ रुपये हिस्सेदारी होगी। साथ ही एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक द्वारा केंद्रीय हिस्से के 50 प्रतिशत की सीमा तक समान रूप से सह-वित्तपोषण किया जाएगा।

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