उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भिखारियों को रेस्क्यू करने गई टीम पर हमला करना का मामला सामने आया है। बच्चों से भीख मंगवाने वालों ने रेस्क्यू टीम पर जानलेवा हमला कर दिया है। उन्होंने कर्मचारियों पर लाठी-डंडा और धारदार हथियार से हमला किया और उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। कर्मचारियों ने दौड़कर इनसे अपनी जान बचाई।  

बच्चों को रेस्क्यू करने गई थी टीम 
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला बंगला बाजार चौराहे का है। यहां पर भिखारियों का एक बड़ा अड्डा है। चौराहे के पीछे ही झुग्गियों में कई परिवार रहते हैं। ये लोग खुद भीख मांगते हैं और बच्चों से भी मंगवाते हैं। इन लोगों को रेस्कयू करने के लिए टास्क फोर्स की दो टीमें बंगला बाजार चौराहे पहुंचीं। इस दौरान टीम ने पांच बच्चों को रेस्क्यू किया और कैंट रोड स्थित महिला समाज कल्याण कार्यालय में ले गई। 

महिला कर्मचारी को घेर कर पीटा 
भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों को रेस्क्यू करने के लिए दो टीमें लगाई गई। इनमें वन स्टॉप सेंटर इंचार्ज अर्चना, चाइल्ड लाइन संरक्षण अधिकारी सूर्यकांत चौरसिया की टीम भी थी। एक टीम पांच बच्चों को लेकर चली गई और दूसरी टीम रेस्क्यू कर रही थी। रेस्क्यू किए गए बच्चों में झुग्गी में रहने वाली आरती का बेटा कृष्णा भी था। जब आरती को पता चला कि उसका बेटा भी है तो उसने बस्ती के लोगों को इकट्ठा किया। सभी लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी लेकर आ गए। बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर करीब दो दर्जन लोगों ने कर्मचारियों की पिटाई की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उन लोगों ने चाइल्ड लाइन संरक्षण अधिकारी सूर्यकांत और एक महिला कर्मी को घेर कर पीटना शुरू कर दिया। महिलाकर्मी का हाथ काट दिया और उसके बाल नोच दिए। टास्क फोर्स की गाड़ी के ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए महिलाकर्मी को छुड़ाया और हटाकर ले गए। 

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