इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली दुनिया की शीर्ष कंपनी टेस्ला भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धी कीमत पर अपनी कारों को बेचने में मदद के लिए भारत सरकार से रियायतों की मांग कर रही है। एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने भारत सरकार ने कारों के पुर्जों पर लगने वाले टैक्स में राहत की मांग की थी। जिसपर सरकार विचार कर रही है।
इसी बीच अब सड़क परिवहन और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी ने एलन मस्क की इन मांगों पर भारत सरकार का रुख साफ कर दिया है। गडकरी ने साफ कर दिया कि अगर टेस्ला चीन में निर्माण कर, भारत में कार बेचना चाहती है। तो रियायतें नहीं दी जाएगीं।
ईटी के साथ एक इंटरव्यू में नितिन गडकरी ने कहा कि भारत बहुत बड़ा बाजार है। यहां पर हर की तरह कार बेचने वाले हैं। हम भारत में टेस्ला का भी स्वागत करते हैं। यहां हर तरह के विक्रेता मौजूद हैं। अगर टेस्ला भारत में स्थानीय स्तर पर मैन्यूफैक्चर करती है, तो इसे छूट मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि, अगर एलन मस्क के नेतृत्व वाली टेस्ला चीन में निर्माण करना चाहती है और भारत में बेचना चाहती है तो उन्हें सरकार की ओर से किसी भी तरह की रियायतें नहीं दी जाएंगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दो टूक कहा है कि अगर टेस्ला भारत में कारोबार करना चाहती है तो उसे हमारी शर्तों को मानना होगा।
बता दें कि पिछले दिनों एक खबर सामने आई थी कि, सरकार अमेरिकी कार कंपनी टेस्ला को छूट देने पर विचार कर रही है। इसमें दावा किया गया था कि ग्रीन कारों के इम्पोर्ट पर लगने वाले शुल्क को 100% से घटाकर 15% करने की प्लानिंग पर काम चल रहा है। एलन मस्क की टेस्ला ने 2021 में पहली बार इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए आयात शुल्क खत्म करने की बात कहकर भारत में एंट्री की कोशिश की थी, लेकिन अब सरकार 15 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने का प्लान कर रही है।
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट देने के साथ ही सरकार की शर्त होगी कि कार बनाने वाली कंपनियों को जल्द व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू करनी होगी। कंपनियों के साथ लोकल मार्केट से भी पार्ट लेने के लिए करार किया जाएगा।