राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि भारत तेजी से और अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और देश दशक के अंत से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
मुर्मू ने यह भी कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की पहचान विकास के क्षेत्र में एक जिम्मेदार भागीदार और अल्पविकसित देशों (ग्लोबल साउथ) की आवाज के रूप में है, जो एक अग्रणी शक्ति बनने की दिशा में देश की इच्छाशक्ति को प्रतिबिंबित करता है।
मुर्मू ने सर्बियाई राजधानी में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे भारत में नये बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है और देश के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की उम्मीद है।
राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, “भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। साढ़े तीन हजार अरब अमरीकी डालर के करीब सकल घरेलू उत्पाद के साथ, हम इस दशक के अंत से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने की अपनी महत्वाकांक्षा की दिशा में पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर, भारत को विकास के क्षेत्र में एक जिम्मेदार भागीदार और अल्पविकसित देशों (ग्लोबल साउथ) की आवाज के रूप में देखा जाता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कार्रवाई, आतंकवाद का मुकाबला, कनेक्टिविटी, समुद्री सुरक्षा, वित्तीय समावेशन और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भारत की ओर से निभाई गई भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इनमें से प्रत्येक पहलू एक अग्रणी शक्ति बनने की हमारी इच्छाशक्ति को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा कि शुरुआती संकेत बताते हैं कि भारत का लिंगानुपात महिलाओं के पक्ष में है। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों का हवाला दिया, जिसमें शीर्ष चार स्थान महिलाओं द्वारा हासिल किए गए थे।
भारत और सर्बिया दोनों के प्राचीन भूमि होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक युग में, सर्बिया के साथ भारत के संबंधों को विशेष रूप से गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संदर्भ में परिभाषित किया गया है।
उन्होंने दोनों देशों के बीच खेल संबंधों की भी सराहना की और कहा कि टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को भारत में लाखों लोगों के लिए एक आदर्श और प्रेरणा के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि बेलग्रेड में महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमाएं तथा नयी दिल्ली में जोसिप ब्रोज़ टीटो स्ट्रीट, और जोधपुर में टीटो चौराहे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों की गवाही देते हैं। सर्बिया भारत के सतत विकास सहयोग कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है।
मुर्मू ने कहा कि भारत और सर्बिया ने हमेशा एक-दूसरे के मूल हितों की समझ साझा की है और इस द्विपक्षीय नींव के आधार पर वह अपनी यात्रा के दौरान सर्बियाई नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं। सर्बिया के कई खेल प्रशिक्षक भारतीय एथलीटों और खिलाड़ियों को अपना कौशल सुधारने में मदद कर रहे हैं। हम भारत के लिए आपकी प्रशंसा और प्यार से अभिभूत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय फिल्में सर्बिया में लोकप्रिय हैं, और यह देश भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए शूटिंग की एक प्रमुख जगह के रूप में उभरा है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति देख मन बहुत प्रसन्न हुआ। कई सर्बियाई लोगों का योग सहित भारत की आध्यात्मिक विरासत के प्रति गहरा लगाव है। मुझे यह भी बताया गया है कि आयुर्वेद को यहां इलाज और उपचार के लिए एक प्रणाली के रूप में मान्यता प्राप्त है।’’
इससे पहले दिन में सूरीनाम से यहां पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू का उनके सर्बियाई समकक्ष एलेक्जेंडर वूसिक ने हवाईअड्डे पर स्वागत किया। किसी भारतीय राष्ट्रपति की सर्बिया की यह पहली यात्रा है।
राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बेलग्रेड में आगमन पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की सर्बिया की पहली यात्रा है। सर्बिया के राष्ट्रपति ने एक विशेष भाव से हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति मुर्मू की अगवानी की। उनके आगमन पर उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।’’
मुर्मू राष्ट्रपति वूसिक के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी। इसके अलावा वह प्रधानमंत्री एना ब्रनाबिक और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष व्लादिमीर ओरलिक से भी मुलाकात करेंगी।