22 अप्रैल को पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले को लेकर लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। वहीं राजनीतिक वार-पलटवार कौ दौर भी देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा के एक बयान को लेकर विवाद बढ़ गया है। तारिक हमीद कर्रा ने इस घटना के संबंध में पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की वकालत की। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया और वैश्विक स्तर पर इसकी निंदा की गई।
भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह देने और सीमा पार आतंकवाद पर लगाम लगाने में विफल रहने का आरोप लगाता रहा है। सरकार ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, भारत में सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और अटारी सीमा को तुरंत बंद करने का फैसला किया। बदले में पाकिस्तान ने शिमला समझौते को भी निलंबित कर दिया और भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को तोड़ दिया।
हालांकि, कर्रा ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने और एक-दूसरे से बातचीत करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “मैं दोनों पक्षों से शांत रहने का अनुरोध करता हूं… मैं लाखों लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता हूं।” एक वीडियो में वे कहते हुए नज़र आए, “कुछ चीज़ें सुलझा ली जानी चाहिए। जो भी करना है, उसे बातचीत के ज़रिए किया जाना चाहिए। दोनों देशों को और ज़्यादा तबाही की ओर नहीं धकेला जाना चाहिए।”
अब इसी को लेकर लेकर भाजपा कांग्रेसपर हमलावर हो गई है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि क्या उनकी आरती उतारनी चाहिए…पाकिस्तानी हमारे लोगों को मारेंगे और हम उनकी आरती उतारेंगे? भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों का उद्देश्य क्या है? कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि युद्ध अपरिहार्य नहीं है। पाकिस्तान कांग्रेस नेताओं के बयानों को टीवी पर चला रहा है। कर्नाटक के मंत्री आरबी तिम्मापुर ने कहा कि आतंकवादियों ने लोगों को गोली मारने से पहले उनसे उनका धर्म नहीं पूछा…यह शर्मनाक है। कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि आतंकवादियों के पास लोगों की हत्या करने से पहले उनका धर्म पूछने का समय नहीं है… मृतकों के परिवार रो रहे हैं और सच्चाई बता रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्ष के नेता ऐसे बेशर्मी भरे बयान दे रहे हैं जो असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है।