भारत के सेवा क्षेत्र ने फिर से मजबूती दिखाई है। HSBC इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, सेवा क्षेत्र का बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अप्रैल के 58.7 से बढ़कर 58.8 हो गया, जो लगातार मजबूत विस्तार को दर्शाता है। 50 से ऊपर का इंडेक्स वृद्धि दर्शाता है और 58.8 की रीडिंग इस क्षेत्र की स्वस्थ स्थिति का संकेत है।

मजबूत मांग और अंतरराष्ट्रीय व्यापार
सेवा क्षेत्र की बढ़त को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार की मांग ने समर्थन दिया है। एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका से निर्यात ऑर्डर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रभावी मार्केटिंग, वफादार ग्राहकों और नए ग्राहकों के जुड़ने से भी इस क्षेत्र को मजबूती मिली है।

रिकॉर्ड रोजगार सृजन
सेवा क्षेत्र में रोजगार सृजन की दर सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। सर्वेक्षण में शामिल लगभग 16 प्रतिशत कंपनियों ने बताया कि उन्होंने नए कर्मचारियों को भर्ती किया, जबकि केवल 1 प्रतिशत ने कर्मचारियों की छंटनी की। इस प्रकार, यह रोजगार सृजन की सबसे तेज़ दर मानी जा रही है।

बढ़ती लागतें और मुद्रास्फीति
जैसे-जैसे मांग बढ़ी, फर्मों पर लागत का दबाव भी बढ़ा। खासकर भोजन सामग्री जैसे खाना पकाने के तेल, मांस और अन्य इनपुट लागतों में वृद्धि हुई। इससे आउटपुट चार्ज में भी मुद्रास्फीति देखी गई, जो औसत से थोड़ी अधिक थी।

भविष्य के लिए सकारात्मक उम्मीदें
बढ़ती लागतों के बावजूद, व्यवसायी भविष्य को लेकर आशावादी हैं। वे मानते हैं कि बड़े ग्राहक आधार, बेहतर स्टाफिंग और लक्षित विपणन से आने वाले महीनों में और वृद्धि संभव है।

HSBC इंडिया कंपोजिट PMI रिपोर्ट
विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों को मिलाकर बना कंपोजिट PMI मई में 59.3 पर रहा, जो अप्रैल के 59.7 से थोड़ा नीचे है। यह नरम पड़ते विनिर्माण क्षेत्र के कारण हुआ, जबकि सेवा क्षेत्र ने तेज़ी से विस्तार दिखाया।

सर्वेक्षण का दायरा
इस सर्वेक्षण में वित्त, परिवहन, संचार, रियल एस्टेट सहित लगभग 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियां शामिल थीं। यह आंकड़े भारत की आर्थिक सेहत और सेवा क्षेत्र के विकास की तस्वीर स्पष्ट करते हैं।

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