पाकिस्तान है कि मानता नहीं। जिस आतंकवाद को उसने भारत समेत पूरी दुनिया के लिए पाल पोसकर बड़ा किया अब वही भस्मासुर बनकर उसे निगल रहा है। लेकिन पाकिस्तान अपनी गलतियों को मानने की बजाय भारत पर ही आरोप मढ़ने तथा कश्मीर के बारे में दुष्प्रचार अभियान को आगे बढ़ाने में लगा रहता है। पाकिस्तान को हाल के वर्षों में वैश्विक मंचों के अलावा उसके घर में घुसकर भी कई बार सबक सिखाया जा चुका है लेकिन वह आतंकवाद पर केंद्रित अपनी नीतियों को जारी रखे हुए है। उधर भारत भी सीमाओं पर पाकिस्तान की हर कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के अलावा उसके हर दुष्प्रचार की हवा निकालने में एक सेकंड की भी देरी नहीं लगाता है। हम आपको बता दें कि पिछले 48 घंटों में पाकिस्तान ने अपने दुष्प्रचार अभियान को आगे बढ़ाते हुए भारत पर दो आरोप लगाये लेकिन दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक उसे ऐसा करारा जवाब दिया गया है कि इस्लामाबाद के राजनीतिक गलियारों और रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालय में भूकंप जैसी स्थिति हो गयी है।

पाकिस्तान के पहले आरोप पर भारत की प्रतिक्रिया की बात करें तो आपको बता दें कि भारत ने बलूचिस्तान ट्रेन हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों को आधारहीन करार देते हुए कहा है कि इस्लामाबाद को अपनी ‘‘विफलताओं’’ के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। भारत ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि ‘‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस्लामाबाद के आरोपों पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को पुरजोर ढंग से खारिज करते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को उंगली उठाने और अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं का दोष दूसरों पर मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।’’

हम आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने बृहस्पतिवार को साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन पर हुए हमले के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा था, ‘‘पूरी घटना के दौरान आतंकवादी अफगानिस्तान-आधारित आतंकवादियों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क में थे।’’ उन्होंने बिना कोई सबूत दिये आरोप लगाया था, ‘‘हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं है। और फिर, तथ्य नहीं बदले हैं। भारत पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करने में शामिल है।” पाकिस्तान ने बलूचिस्तान ट्रेन हमले का प्रत्यक्ष रूप से उल्लेख न करते हुए भारत पर ‘‘आतंकवाद को प्रायोजित करने’’ का आरोप लगाया था।

पाकिस्तान के दूसरे आरोप पर भारत के पलटवार की बात करें तो आपको बता दें कि 24 घंटे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर के ‘‘अनुचित’’ जिक्र के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा है कि इस तरह की टिप्पणियों से न तो पाकिस्तान के दावे वैध हो जाते हैं और न ही सीमा पार आतंकवाद की उसकी गतिविधियां न्यायसंगत। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने ‘इंटरनेशनल डे टू कॉम्बैट इस्लामोफोबिया’ पर महासभा की एक अनौपचारिक बैठक में शुक्रवार को कहा कि जैसा कि उनकी आदत है, पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है। पी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार उल्लेख किए जाने से ‘‘न तो उसके दावे वैध हो जाते है और न ही सीमा पार आतंकवाद की उसकी गतिविधियां न्यायसंगत।’’ उन्होंने कहा, ”उस देश की कट्टरपंथी मानसिकता और कट्टरता का इतिहास सर्वविदित है। इस तरह के प्रयासों से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।’’ 

हम आपको बता दें कि ‘इंटरनेशनल डे टू कॉम्बैट इस्लामोफोबिया’ पर महासभा की एक अनौपचारिक बैठक में पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया था जिसके बाद हरीश ने यह कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। 2017 से 2019 तक पाकिस्तान की विदेश सचिव रहीं तहमीना जंजुआ ने कश्मीर को गाजा से जोड़ने की कोशिश की थी और “लव जिहाद” तथा “गौरक्षकों” से जुड़ी “लिंचिंग” की घटनाओं का भी उल्लेख किया था।

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