पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष (COAS) जनरल सैयद असीम मुनीर ने शनिवार को एक बार फिर द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसके पीछे मूल विचार यह है कि मुस्लिम और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं।

मुनीर ने ऐबटाबाद के काकुल में पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (पीएमए) में पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कहा, “द्वि-राष्ट्र सिद्धांत इस मौलिक विश्वास पर आधारित है कि मुसलमान और हिंदू एक नहीं, बल्कि दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। मुसलमान जीवन के सभी पहलुओं – धर्म, रीति-रिवाज, परंपरा, सोच और आकांक्षाओं – में हिंदुओं से अलग हैं।”

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व ‘अद्वितीय संघर्ष और कुर्बानी’ का नतीजा है। उन्होंने कहा कि इसकी सुरक्षा करना देश के सशस्त्र बलों का कर्तव्य है।

मुनीर ने पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे पूर्वजों ने पाकिस्तान के निर्माण के लिए बलिदान दिया। हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है।”

इस सभा को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले की किसी भी ‘तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय’ जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।

आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।

यह पहली बार नहीं है जब मुनीर ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का जिक्र किया हो।

पहलगाम में जघन्य हमले से कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने एक बेहद भड़काऊ भाषण दिया था।

16 अप्रैल को इस्लामाबाद में मुनीर ने पीएम शरीफ की मौजूदगी में ही प्रवासी पाकिस्तानियों के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा था कि वे यह न भूलें कि वे एक ‘उच्च विचारधारा और संस्कृति’ से जुड़े हैं।

पाक सेना प्रमुख ने कहा, “आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों का मानना ​​था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। इसी आधार पर दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई थी।”

भारत ने तत्काल ही पाक सेना प्रमुख पर निशाना साधा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 17 अप्रैल को नई दिल्ली में एक नियमित मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “देखिए, कोई विदेशी चीज उनके गले की नस कैसे बन सकती है? यह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। पाकिस्तान के साथ इसका एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना है।”

‘निष्पक्ष जांच को तैयार’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि पाकिस्तान इस हमले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए तैयार है।

शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान इस हफ्ते कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या की किसी भी ‘निष्पक्ष और पारदर्शी’ जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के सभी रुपों की आलोचना की है और देश खुद इसका शिकार रहा है।

पाकिस्तानी पीएम ने कहा, “एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।”

इस दौरान शहबाज शरीफ ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर का राग अलापा। उन्होंने कहा, “मुझे कश्मीर के महत्व को रेखांकित करना होगा, जैसा कि राष्ट्र के संस्थापक कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने सही कहा था, कश्मीर पाकिस्तान की गर्दन की नस है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की है।” उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ दुनिया का अग्रणी देश बताते हुए कहा, “हमने भारी नुकसान उठाया, जिसमें 90,000 लोग हताहत हुए और 600 बिलियन डॉलर से अधिक की आर्थिक हानि हुई।”

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, जैसे कई कदम उठाए हैं।

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने जैसे कुछ कदम उठाए हैं।

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