सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को 18 मई तक बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में नई दिल्ली और इस्लामाबाद के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) जल्द ही बातचीत करेंगे। सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान दोनों देशों के डीजीएमओ सीमा पर स्थिति की समीक्षा करेंगे। यह भारत और पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा और सीमा क्षेत्रों पर उच्च सतर्कता के स्तर को धीरे-धीरे कम करने के लिए अपने विश्वास-निर्माण उपायों को जारी रखने का निर्णय लेने के एक दिन बाद आया है। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, “10 मई 2025 को दोनों डीजीएमओ के बीच बनी समझ के अनुसार, सतर्कता के स्तर को कम करने के लिए विश्वास-निर्माण उपायों को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। जैसे-जैसे स्थिति आगे बढ़ेगी, हम आपको सूचित करेंगे।”
भारत और पाकिस्तान ने 18 मई तक संघर्ष विराम बढ़ाया
अधिकारियों ने गुरुवार को कहा, “10 मई 2025 को दोनों DGMO के बीच बनी सहमति के अनुसार, सतर्कता के स्तर को कम करने के लिए विश्वास-निर्माण उपायों को जारी रखने का फैसला किया गया है।” पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने दावा किया कि पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला और भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने संघर्ष विराम पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को हॉटलाइन पर बात की, जिसे अब 18 मई तक बढ़ा दिया गया है।
दोनों देशों के अधिकारी फिर बात करेंगे
भारत ने घातक पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की आधी रात के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके एक दिन बाद ही दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया, जब पाकिस्तान ने सीमा के पास सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया, जिसे भारत ने विफल कर दिया। तीन दिनों की गहन सैन्य शत्रुता के बाद, दोनों देशों ने 10 मई को दोनों ओर से गोलीबारी बंद करने पर सहमति जताई, जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन करके सीमा पार से सभी तरह की गोलीबारी रोकने को कहा। हालांकि, पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों बाद इस समझौते का उल्लंघन किया, क्योंकि सीमावर्ती गांवों से भारी गोलाबारी और गोलीबारी की खबरें सामने आईं।
पाकिस्ताना और भारत के बीच तनाव पहलगाम हमले के बाद काफी ज्यादा हो गया। दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा हो गयी थी। लेकिन चार दिन तक चले तेज मिसाइल हमलों के बाद दोनों देशों में अपसी सहमति से सीजफायर हुआ।
2025 पहलगाम हमला भारतीय प्रशासित जम्मू और कश्मीर में पहलगाम के पास पांच सशस्त्र आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर हमला था जिसमें 22 अप्रैल 2025 को 26 नागरिक मारे गए थे। आतंकवादियों ने मुख्य रूप से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया था, हालांकि हमले में एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम भी मारे गए।एम4 कार्बाइन और एके-47 से लैस हमलावर घने देवदार के जंगलों से घिरी बैसरन घाटी में पर्यटक स्थल में घुस गए। इस घटना को 2008 के मुंबई हमलों के बाद से भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जाता है। सीजफायर के बाद अब दोनों देशों के बीच युद्ध वाली स्थिति को टाल दिया गया है लेकिन अभी भी पाकिस्तान पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।