सऊदी अरब ने शनिवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने, मौजूदा सैन्य संघर्ष को समाप्त करने और सभी विवादों का बातचीत और कूटनीतिक माध्यम से समाधान किए जाने को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहा है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि सऊदी नेतृत्व के निर्देश पर अल-जुबैर ने 8 और 9 मई को भारत और पाकिस्तान की यात्रा की, जो कि “तनाव कम करने, वर्तमान सैन्य संघर्ष को समाप्त करने और सभी विवादों का वार्ता तथा कूटनीतिक माध्यमों से समाधान किए जाने को बढ़ावा देने के सऊदी अरब के प्रयासों” का हिस्सा थी।

सऊदी अरब का यह बयान ऐसे समय आया है जब तनाव काफी बढ़ गया है और पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत ने मिसाइल और ड्रोन के जरिये उसके तीन एयरबेस को निशाना बनाया।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने तड़के करीब चार बजे इस्लामाबाद में जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पाकिस्तानी वायुसेना के नूर खान (चकलाला, रावलपिंडी), मुरीद (चकवाल) और रफीकी (झंग जिले में शोरकोट) एयरबेस को निशाना बनाया गया।

इसके कुछ मिनट बाद सरकारी ‘पीटीवी’ ने सुरक्षा अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘बुनयान अल-मरसूस’ नामक अभियान शुरू किया है, जिसका अर्थ है ‘लौह दीवार’।

अल-जुबैर बृहस्पतिवार को अघोषित यात्रा पर नयी दिल्ली आए और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर भारत द्वारा मिसाइल हमला किए जाने के बाद उत्पन्न स्थिति पर विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बुधवार सुबह चर्चा की।

शुक्रवार को सऊदी अरब के मंत्री ने इस्लामाबाद की यात्रा की, जहां उन्होंने पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत की।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।

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