इजराइल और ईरान के बीच सैन्य संघर्ष बुधवार को और भी तेज हो गया, यह लगातार छठा दिन रहा जब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर मिसाइलों से लगातार हमले कर रहे हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने यहां तक ​​दावा किया है कि उसने इजराइल पर फत्ताह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल दागी है, जो चल रहे संघर्ष में इस मिसाइल का पहला इस्तेमाल है। बढ़ते संघर्ष को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा करते हुए अपने देश के लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इजराइल और ईरान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है और उनमें से 110 लोग सीमा पार कर आर्मेनिया में प्रवेश कर गए हैं। इसकी पूरी व्यवस्था दूतावास ने की।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय दूतावास सभी संभव सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से समुदाय के साथ निरंतर संपर्क में है। बयान में कहा गया है, ‘‘तेहरान में भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है। इसकी व्यवस्था दूतावास ने की।’’ इसमें कहा गया कि परिवहन के हिसाब से जो लोग स्वयं इंतजाम कर सकते हैं उन्हें भी हालात को देखते हुए शहर से बाहर चले जाने की सलाह दी गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, कुछ भारतीयों को आर्मेनिया की सीमा के माध्यम से ईरान छोड़ने में मदद की गई है।

मंत्रालय ने कहा कि अस्थिर स्थिति को देखते हुए आगे भी परामर्श जारी किए जा सकते हैं। जम्मू कश्मीर छात्र संघ के अनुसार, उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी के 110 भारतीय छात्र जिनमें से 90 कश्मीर घाटी के हैं, सुरक्षित रूप से सीमा पार कर आर्मेनिया पहुंच गए हैं। तेहरान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, भारतीय मिशन ने सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) को यह सलाह भी दी है कि जो अपने स्वयं के संसाधनों से तेहरान से बाहर जा सकते हैं, वे शहर के बाहर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।

एक अन्य बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान और इजराइल में जारी घटनाक्रम के मद्देनजर मंत्रालय में सातों दिन 24घंटे संचालित होने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष में इन नंबर पर संपर्क करें: +989010144557; +989128109115; +989128109109’’। इसके अतिरिक्त ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन स्थापित की है, विदेश मंत्रालय ने संपर्क विवरण भी साझा किया है।

इस बीच, शाम को एक प्रेस वार्ता में इजराइल के राजदूत रियुवेन अजार से जब पूछा गया कि क्या उनके देश को भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कोई अनुरोध प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, हम विदेश मंत्रालय के साथ पूरी तरह समन्वय में हैं। जहां तक भारतीय नागरिकों को निकालने के अनुरोध का सवाल है, हमने अपने परिवहन मंत्रालय के माध्यम से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। राजनयिकों और अन्य विदेशी नागरिकों के लिए, विशेष रूप से जो देश छोड़ना चाहते हैं, कुछ विकल्प उपलब्ध हैं जैसे भूमि मार्ग और समुद्री मार्ग। हम इस संबंध में समन्वय कर रहे हैं। इस सैन्य झड़प में अपने देश (इजराइल) में हुई हताहतों के बारे में पूछे जाने पर अजार ने बताया कि अब तक इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।

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