कोतवाली नगर के शास्त्री नगर की रहने वाली समीक्षा सिंह पुत्री विनय कुमार सिंह एक आईटी कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उसने बताया कि हमें घर के लिए एक अच्छे आवासीय भूखण्ड की जरूरत थी। मोहल्ले के निवासी राजीव कुमार सिंह (बब्लू) जो भाजपा के बूथ अध्यक्ष हैं, उनसे संपर्क किया। उन्होंने राजीव कुमार सिंह ने हमें उत्तरदहा ग्राम निवासी रामतीरथ से मिलवाया।
दोनों लोगों ने पर्यावरण पार्क के पास 2275 वर्गफीट का भूखंड दिखाया। उन्होंने बताया कि इस भूखंड का कब्जा जगदम्बा प्रसाद तिवारी पुत्र पारसनाथ तिवारी मौजा लंभुआ का है। राजीव कुमार सिंह का हमारे पिता से पुराना परिचय था ऐसे में विश्वास में आ गये।
दोनों लोगों ने पर्यावरण पार्क के पास 2275 वर्गफीट का भूखंड दिखाया। उन्होंने बताया कि इस भूखंड का कब्जा जगदम्बा प्रसाद तिवारी पुत्र पारसनाथ तिवारी मौजा लंभुआ का है। राजीव कुमार सिंह का हमारे पिता से पुराना परिचय था ऐसे में विश्वास में आ गये।
4 जुलाई 2023 को हमने जगदम्बा प्रसाद तिवारी से रजिस्ट्री करवाई, जिसमें हमने 25 लाख रुपए गूगल-पे और आरटीजीएस से अदा किया। पीड़िता ने बताया कि बीकापुर अयोध्या के बैनामा लेखक लक्ष्मी नारायण शुक्ला को जगदम्बा प्रसाद तिवारी के कहने पर 25 हजार रुपए गूगल पे से भेजा।
इसके अतिरिक्त राजीव कुमार सिंह को 40 हजार रुपए नगद दिए । यही नहीं बैनामा लेखक राकेश प्रसाद श्रीवास्तव को 2 लाख 60 हजार रुपए भी दिए । जब हम बैनामा कराने के तीसरे दिन 7 जुलाई को पिता के साथ अपने भूखण्ड पर कब्जा लेने पहुंचे तो यहां पहले से मौजूद लोगों द्वारा कब्जा लेने से रोक दिया गया और उन लोगों ने अपना परिचय नजूल विभाग से बताया।
इसके अतिरिक्त राजीव कुमार सिंह को 40 हजार रुपए नगद दिए । यही नहीं बैनामा लेखक राकेश प्रसाद श्रीवास्तव को 2 लाख 60 हजार रुपए भी दिए । जब हम बैनामा कराने के तीसरे दिन 7 जुलाई को पिता के साथ अपने भूखण्ड पर कब्जा लेने पहुंचे तो यहां पहले से मौजूद लोगों द्वारा कब्जा लेने से रोक दिया गया और उन लोगों ने अपना परिचय नजूल विभाग से बताया।
उन लोगों ने कहा कि यह जमीन नजूल की है इस पर हम सब हैरान हो गए। नजूल विभाग में छानबीन की तो पता चला कि जमीन के विक्रेता जगदम्बा प्रसाद तिवारी, लक्ष्मी नारायण शुक्ला, राजीव कुमार सिंह और रामतीरथ द्वारा दिया गया खतौनी प्रपत्र कूटरचित है। यह भी पता चला कि इस जमीन पर उच्च न्यायालय तक मुकदमेबाजी हुई है, जिसमें उक्त जमीन नजूल विभाग में निहित हो चुकी है। जब रुपए वापस मांगे तो देने से मना कर दिया।
इसके बाद मेरे पिता को मीटिंग करने के बहाने कल्पवृक्ष छावनी सदर पर बुलाया, वहां उनसे गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसको लेकर पीड़िता ने नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया। विवेचना तो प्रचलित है लेकिन अभी तक कार्रवाई से पीड़िता संतुष्ट नहीं है क्यूंकि आरोपियों को सत्ता संरक्षण मिला हुआ है।
इसके बाद मेरे पिता को मीटिंग करने के बहाने कल्पवृक्ष छावनी सदर पर बुलाया, वहां उनसे गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसको लेकर पीड़िता ने नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया। विवेचना तो प्रचलित है लेकिन अभी तक कार्रवाई से पीड़िता संतुष्ट नहीं है क्यूंकि आरोपियों को सत्ता संरक्षण मिला हुआ है।