बरेली के लापता युवक विकास का सुराग लगाने में नाकाम रही पुलिस ने मुकदमे को अपहरण, मारपीट व साक्ष्य मिटाने की धारा में तरमीम कर भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य और उसकी पत्नी सहित चार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि लापता युवक का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है, इसलिए हत्या के मुकदमे को अपहरण में तरमीम किया गया है।

पुलिस ने मंगलवार को गांव नथपुरा निवासी भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी, उसकी पत्नी मंजू यदुवंशी, गांव जाम की प्रधान के पति समरपाल और उसके छोटे भाई विनोद को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों से सरपंच लिखी कार के अलावा मंजू यदुवंशी के पिता के घर से विकास की हवाई चप्पलें और बहगुल नदी से विकास के मोबाइल की डिस्प्ले बरामद की है। इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह ने बताया कि विकास सिंह जिला पंचायत सदस्य की पत्नी मंजू से मोबाइल पर चैटिंग और बात करता था। इसकी जानकारी विकास की मां और भाई को थी। मंजू के परिजन भी इस बात को जानते थे।

इससे आक्रोशित जिला पंचायत सदस्य ने साजिश के तहत तीन अप्रैल की रात में अपनी पत्नी मंजू से विकास को कॉल कराकर ठिरिया खुर्द बुलाया। मगर रास्ते में ही निरंजन यदुवंशी ने अपने साथी समरपाल व विनोद के साथ उसका अपहरण कर लिया। तीनों विकास का अपहरण कर सरपंच लिखी कार से ठिरिया खुर्द ले गए। ठिरिया खुर्द में तीनों ने मंजू यदुवंशी के पिता के घर में विकास को बेरहमी से पीटा। इसके बाद ही वह लापता हो गया। इस मामले में विकास के परिजन ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

एसओ ने बताया जिला पंचायत सदस्य पर मीरगंज थाने में पांच मुकदमे दर्ज हैं। मंजू पर एक मुकदमा, समरपाल पर तीन एवं विनोद के खिलाफ मीरगंज थाने में दो मुकदमा दर्ज हैं।

युवक की मां मीरा देवी ने बेटे की हत्या का शक व्यक्त करते हुए जिपं सदस्य व उनकी पत्नी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। एसओ का कहना है कि युवक की मां ने जिस नम्बर से कॉल आने की बात कही उससे आरोपी महिला ने फोन नहीं किया था। उसने दूसरे नंबर से उनको फोन किया था। एसओ ने बताया दोनों के बयानों में विरोधाभास है।

युवक तीन अप्रैल की रात में लापता हुआ था। गत दिनों पुलिस फील्ड यूनिट को साथ लेकर ठिरिया पहुंची। वहां मंजू यदुवंशी के घर से विकास की हवाई चप्पलें मिली थीं। उसके भाई ने चप्पलें विकास की होने की पुष्टि की थी। घटना के अगले दिन आरोपियों ने बरेली जाते समय युवक का मोबाइल बहगुल नदी में फेंक दिया। पुलिस ने गोरा लोकनाथपुर के गोताखोरों की मदद से विकास के मोबाइल की डिस्प्ले नदी से बरामद कर ली है।

पुलिस का कहना है कि एसओजी, फील्ड यूनिट, डॉग स्क्वॉड की जांच में भी विकास की हत्या के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। मारपीट के दौरान मंजू यदुवंशी के मायके के पड़ोस में रहने वाली आरोपी जिला पंचायत सदस्य की नानी, पूर्व प्रधान उनके मामा लाल बहादुर और ओमप्रकाश मौके पर पहुंच गए। उस समय विकास के माथे खून निकल रहा था और मौका मिलने पर वह भाग गया। आरोपियों ने उसका पीछा किया, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। कई ग्रामीणों ने भी उसके भागने की पुष्टि की थी। वहीं, पुलिस अब तक लापता युवक को नहीं खोज सकी है।

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