मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने से पहले उत्तर प्रदेश में आदिवासियों को वोट देने का अधिकार नहीं था और वामपंथी तथा मिशनरी उनको गुमराह (ब्रेनवॉश) करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘2017 से पहले आदिवासियों को वोट देने का अधिकार नहीं था। राशन कार्ड और संपर्क की सुविधा नहीं थी। भाजपा के सत्ता में आने के बाद थारू, मुसहर, कोल और गोंड समेत सभी जनजातियों को हर सुविधा मुहैया कराई गई। इतना ही नहीं, इससे पहले कुछ मिशनरी और वामपंथी आदिवासी समाज को गुमराह करते थे।”
‘धीरे-धीरे सभी योजनाएं लागू की गई’
सीएम योगी ने कहा कि 55 गांवों में वनटांगिया (समुदाय) के पास भी कोई अधिकार नहीं था और यह स्थिति राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन रही थी। उन्होंने कहा कि भले ही देश को 1947 में आजादी मिली हो, लेकिन 2017 से पहले वन विभाग और पुलिसकर्मी उनका शोषण करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब 2017 में भाजपा की सरकार आई तो इन गांवों को राजस्व गांव के रूप में मान्यता दी गई और धीरे-धीरे सभी योजनाएं वहां लागू की गईं।”
‘कई आदिवासी पहली बार वोट देने के लिए निकले’
सीएम योगी ने कहा कि 2022 और 2024 के चुनावों में कई आदिवासी पहली बार वोट देने के लिए निकले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब हर गांव में सड़क है, हर घर में बिजली है, सभी को मकान मिल गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं, और स्कूल तथा स्वास्थ्य केंद्र बनाए जा रहे हैं। राशन, आयुष्मान योजना और पेंशन सहित हर सुविधा उन तक पहुंची है।” यात्रा के बारे में बात करते हुए योगी ने कहा कि इस तरह की धार्मिक यात्राएं केवल आस्था का माध्यम नहीं हैं, बल्कि समाज को एक साथ जोड़ने का भी माध्यम हैं।