दिवाली के दो दिन बाद यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन की तरह ये पर्व भी भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है। इस पर्व को भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया भी कहा जाता है और ये पर्व आज 3 नवंबर को मनाया जाएगा। भाई दूज के दिन भाई को तिलक लगाने का सबसे अधिक महत्व होता है। इस दिन बहनें रोली और अक्षत से भाई का टीका करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह प्रथा सदियों पुरानी है कहा जाता है कि इस दिन यदि विधि-विधान से पूजा की जाए, तो जीवन भर यम का भय नहीं सताता है और भाई-बहनों की कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती। इस साल भाई दूज की सही तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में चलिए जानते हैं भाई दूज तिलक लगाने का मुहूर्त-

पंचांग के अनुसार  द्वितीय तिथि का आरंभ 2 नवंबर रात 8 बजकर 22 मिनट द्वितीया तिथि पर होगा और अगले दिन  3 नवंबर रात 11 बजकर 6 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार ये पर्व आज 3 नवंबर को मनाया जाएगा।

तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक। 

पौराणिक मान्यता है कि इस दिन यम अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे। ऐसे में भाईयों को अपनी बहन के ससुराल जाना चाहिए। वहीं कुंवारी लड़कियां घर पर ही भाई का तिलक करें। भाई दूज के दिन सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करते हुए पूजा अवश्य करनी चाहिए। वहीं भाई का तिलक करने के लिए पहले थाली तैयार करें उसमें रोली, अक्षत और गोला रखें तत्पश्चात भाई का तिलक करें और गोला भाई को दें। फिर प्रेमपूर्वक भाई को मनपसंद का भोजन करवाएं। उसके बाद भाई अपनी बहन से आशीर्वाद लें और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ उपहार जरूर दें। मान्यता है कि यदि भाई बहन यमुना नदी के किनारे बैठकर भोजन करते हैं तो जीवन में समृद्धि आती है।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights