आजकल हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ने से लोग तो चिंतित हैं ही उससे ज्यादा इस बात से चिंतित हैं कि कम उम्र के लोग इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं।

ताजा मामला गोरखपुर का है, यहां एक 18 वर्षीय छात्रा, उस समय मूर्छित होकर गिर पड़ी जब वह अपने कॉलेज में ही बैडमिंटन खेल रही थी। कॉलेज प्रबंधन ने आनन- फानन में उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रथम दृष्टया हार्ट अटैक से मौत का कारण बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद छात्र-छात्राओं में इसे लेकर दहशत है। वहीं परिजन का रो-रो होकर बुरा हाल है।

शाहपुर थाना क्षेत्र के असुरन स्थित गीता वाटिका के रहने वाले राजेश मिश्रा की 18 वर्षीय पुत्री गौरी मिश्रा जो डीएवी डिग्री कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है। शुक्रवार को दोपहर बाद कॉलेज परिसर में बैडमिंटन खेलने के दौरान अचानक मूर्छित होकर गिर पड़ी, यह देख छात्र छात्राओं के बीच कोहराम मच गया। शोर सुनकर स्कूल स्टाफ मौके पर पहुंचा। उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

प्रथम दृष्टया मौत का कारण कारण कार्डियक अरेस्ट(हार्ट अटैक) बताया जा रहा है, लेकिन असली वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी। वहीं बिटिया की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन का कहना है कि हंसती खेलती अच्छी भली वह कॉलेज गई थी। फिर अचानक ऐसा क्या हो गया? वहीं छात्रा की मौत की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में जिला अस्पताल पहुंचे छात्र-छात्राओं का आरोप है कि, स्कूल प्रबंधन की देरी की वजह से गौरी की डेथ हुई है, यदि समय रहते उसे अस्पताल पहुंचाया गया होता तो उसकी मौत नहीं हुई होती, मूर्छित होने के बाद से काफी देर तक वह स्कूल परिसर में ही रही, बाद में उसे बाइक से अस्पताल ले जाया गया। वहीं छात्रों का यह भी आरोप है कि काफी देर तक अस्पताल में भी स्कूल प्रबंधन के लोग नहीं पहुंचे थे।

वहीं छात्रों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में कॉलेज प्रबंधक का कहना है कि ट्रैफिक जाम की वजह से छात्रा को बाइक से अस्पताल ले जाया गया था ताकि उपचार में देरी न हो, समय से उसका उपचार हो सके लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। वहीं अस्पताल में भर्ती छात्र को देखने कॉलेज के कर्मचारी और मैं खुद पहुंची थी। आपको बता दें कि इस समय लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें कम उम्र के युवा कार्डियक अरेस्ट का शिकार होकर असमय ही अपनी जान गवा रहे हैं, जो मेडिकल साइंस के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है? गोरखपुर ही नहीं देश के कोने-कोने से ऐसी खबरें अक्सर सुनने को मिल ही जाती हैं कि 14 साल या 18 साल के बच्चे की मौत तब हो गई, जब उनमें से कोई डांस कर रहा था तो कोई ट्रेड मिल पर एक्सरसाइज कर रहा था!

कुछ दिन पहले देवरिया के रेलवे अस्पताल में कार्यरत 28 वर्षीय युवा डॉक्टर अभिषेक कुमार की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अपने मित्रों से मिलने के दौरान अचानक मौत हो गई थी, इसके पूर्व भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। डॉक्टरों के मुताबिक युवाओं में इस तरह की मौत का कारण उनकी लाइफ स्टाइल, अत्यधिक जिम और पोस्ट कोविड के बाद बॉडी में आए विभिन्न प्रकार के बदलावों की वजह से भी ऐसी मौतें हो रही है। युवाओं को खुद पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अधिक जिम से बचें और अपने जीवन शैली में बदलाव करें। इसके साथ ही हेल्दी डाइट ले। जिम संचालकों द्वारा प्रोवाइड कराए जा रहे फूड सप्लीमेंट को बिना किसी डाइटिशियन की सलाह के इस्तेमाल ना करें और समय पर अपना बॉडी चेकअप कराएं।

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