पूर्वी दिल्ली में शाहदरा क्षेत्र के विवेक विहार थाना क्षेत्र में ‘बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल’ में भीषण आग लगने से 7 शिशुओं की मौत के जिम्मेवार माने जाने वाले डॉक्टर नवीन किची के कई सेंटर दिल्ली में चल रहे हैं। आशंका है कि नियमों को ताक पर रखकर आवासीय इलाकों में सेंटर चलाए जा रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि तीन साल पहले भी आरोपी पर मुकदमा दर्ज हुआ था क्योंकि उस पर नìसग होम का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने तथा एक नवजात के केस हिस्ट्री में फेरबदल के आरोप लगाए गए थे।

बताया जाता है कि एक बच्चे का लापरवाही से हाथ टूट गया था जबकि इसे हादसा बताया गया, लेकिन सच्चाई यह थी उसे एक नर्स ने पीटा था और इसका सीसीटीवी फुटेज भी उस समय वायरल हुआ था। इसकी शिकायत जब डॉ नवीन से की गई तो उसने मदद की बजाय बच्चे के माता-पिता को धमकाया था। जिसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उस समय जांच में पाया गया कि नìसग होम का रजिस्ट्रेशन नहीं था लेकिन जुर्माना भर कर उस समय मामला निपटा दिया गया।

पांच बेड के अस्पताल में थे 12 बच्चे, कई लापरवाही उजागर

विवेक विहार थाना क्षेत्र में ‘बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल’ सिर्फ  पांच बेड का था लेकिन यहां 12 बच्चे भर्ती थे। इसका रजिस्ट्रेशन भी फेल था। आग लगने की घटना में कई लापरवाही सामने आई है। जिसके बाद पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त धारा लगाई।

सूत्रों ने बताया कि पहले आईपीसी की धारा 336/304ए/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था लेकिन अब दंडात्मक धारा 304/308 आईपीसी लगाई गई है।

वहीं अस्पताल के निरीक्षण व नर्सिंग स्टाफ की जांच में पाया गया कि वहां कोई अग्निशामक यंत्र नहीं था जबकि प्रवेश-निकास का उचित प्रबंध नहीं था।

इसके अलावा आपातकालीन निकास का अभाव था। इतना ही नहीं उचित डॉक्टर की तैनाती नहीं थी।

पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान कई कमियां पाई गई। जिसने डीजीएचएस व दिल्ली सरकार द्वारा बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड अस्पताल को जारी किया गया लाइसेंस (31/03/2024) पहले ही समाप्त हो चुका है।

उक्त लाइसेंस के अनुसार अस्पताल को केवल 5 बेड की अनुमति थी, लेकिन घटना के समय उसमें 12 नवजात बच्चे भर्ती थे। यह भी पता चला कि डॉक्टर नवजात शिशु की देखभाल के लिए सक्षम नहीं है, क्योंकि वे केवल बीएएमएस डिग्री धारक है।

आग लगने की हालत में आपातकालीन स्थिति के लिए अस्पताल में कोई अग्निशामक यंत्र भी नहीं लगा था।

अप्रिय घटना की स्थिति में अस्पताल में कोई आपातकालीन निकास नहीं था। जांच के दौरान पता चला कि ‘बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल’ की 4 शाखाएं हैं। इनमे विवेक विहार, पंजाबी बाग, फरीदाबाद और गुड़गांव शामिल है। अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खीची भेरा एन्क्लेव, पश्चिम विहार में रहता है। वे बाल चिकित्सा में एमडी हैं और उनकी पत्नी डॉ. जागृति (दंत चिकित्सक) इस अस्पताल को चलाते थे।

एलजी बोले, दोषियों को सजा मिलेगी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार को पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में बच्चों के एक अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच शुरू करने का निर्देश दिया। उपराज्यपाल सक्सेना ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मैंने मुख्य सचिव से दिल्ली में बच्चों के अस्पताल में आग लगने की दु:खद घटना की जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही सीपी (पुलिस आयुक्त) को सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि शोकसंतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ‘मैं इस घटना के दोषियों को सजा दिलवाने का आासन देता हूं।

गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा : केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूर्वी दिल्ली में बच्चों के एक अस्पताल में आग लगने की घटना हृदय विदारक है। इस मामले में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार विवेक विहार में आग लगने की घटना में अपने बच्चों को खोने वालों के साथ है और प्रशासन घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आग लगने के  कारणों की जांच की जा रही है और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले या गलत काम में लिप्त लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।

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