एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, चोरी के मामले में जीआरपी मुरादाबाद ने लखनऊ के चिनहट क्षेत्र के युवक को उठा लिया। उसे हिरासत में लेने के बाद उसके घर पर बाकायदा फोन किया गया जिससे खलबली मच गई। पत्नी भागते हुए चिनहट थाने पहुंची। घटनाक्रम बताया। नंबर ट्रेस करने पर लोकेशन मुरादाबाद ही आई। लखनऊ पुलिस ने जानकारी एसएसपी मुरादाबाद को दी।
उन्होंने तत्काल ही एसओजी लगाई। रातभर गहमागहमी के बीच युवक की लोकेशन जीआरपी मुरादाबाद ही ट्रेस हुई। टीम पहुंची, तब उसे छोड़ा गया। शाम को एसपी जीआरपी आशुतोष शुक्ला ने बिना आरोप के युवक को उठाने पर सर्विलांस सेल के तीनों सिपाहियों रोहित कुमार, सौरभ पवार व प्रिंस कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। जारी आदेश में तीनों को हटाए जाने का कारण प्रशासनिक आधार बताया गया।
दरअसल, मुरादाबाद जीआरपी चोरी के एक मामले में राजफाश में जुटी है। ट्रेन के ए-वन क्लास में हुई हाईप्रोफाइल चोरी में कई टीमें लगीं हैं। इस बीच 17 सितंबर को मुरादाबाद जीआरपी ने एक चोर को उठाया। उस पर बरेली व मुरादाबाद जीआरपी में चोरी के 22 मुकदमे हैं। उससे पूछताछ होती रही। उससे पूछताछ व स्वीकारनामे का हवाला देकर जीआरपी ने लखनऊ के चिनहट के रहने वाले युवक अमरदीप को उठा लिया।
टीम उसे मुरादाबाद लेकर आ गई। उधर, परिजन उसे खोजने में जुट गए। इस बीच अमरदीप के घर पर एक फोन पहुंचा। चोरी के आरोप में जेल भेजने का डर दिखाया। पत्नी सकते में आ गईं। वह तत्काल चिनहट थाने पहुंची। कहा कि मुरादाबाद एसओजी का डर दिखाकर पति को जेल भेजे जाने की धमकी दी गई है। पति का अपहरण कर लिया गया है। चिनहट पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की।
संबंधित नंबर की मुरादाबाद लोकेशन मिलने पर एसएसपी मुरादाबाद सतपाल अंतिल को जानकारी दी गई। एसओजी से मामला जुड़ा होने के चलते एसएसपी ने तत्काल ही पूरी टीम तलब की। पता चला कि एसओजी को तो मामले की कोई जानकारी ही नहीं है। संबंधित नंबर के आधार पर एसएसपी ने टीम लगाई। तब लोकेशन जीआरपी मुरादाबाद मिली।
घटनाक्रम में कोई संलिप्तता ना होने पर युवक को उठाने पर जीआरपी के पुलिसकर्मी सकते में पड़ गए। मामले में लीपापोती शुरू हो गई। गुपचुप युवक को छोड़ दिया गया और मामले को दबा दिया गया। शाम तक कहानी सामने आ गई। एसपी जीआरपी ने तीनों सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया।