दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के चल रहा धरना अब राजनीतिक अखाड़ा बनात जा रहा है। धरना में खाप पंचायत और किसान नेता टिकैत के शामिल होने को लेकर क्षत्रिय युवा वाहिनी में आक्रोश व्याप्त हो गया है। खाप पंचायत और किसान नेता टिकैत के विरोध में क्षत्रिय युवा वाहिनी के कार्यकर्ता चार हजार बुलडोजर के साथ दिल्ली कूच करेंगे।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहा पहलवानों का धरना-प्रदर्शन दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। यौन शोषण के आरोपों से घिरे WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पहलवानों का धरना खत्म नहीं हो रहा है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से पहलवानों को एक झटका भी लग चुका है। इसके बाद भी पहलवान अब बीजेपी सांसद की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं, अब पहलवानों के धरने को किसान नेता राकेश टिकैत और खाप पंचायतों के समर्थन देने को लेकर क्षत्रिय युवा वाहिनी में काफी आक्रोश व्याप्त है।
नवभारत टाइम्स के खबर के अनुसार, क्षत्रिय युवा वाहिनी का कहना है कि पहलवान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। पूरे मामले की दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। तब तक हम लोग चुप थे। अब जब पहलवानों का धरना राजनीति से प्रेरित होकर अखाड़ा बनता जा रहा है। ऐसे में अब क्षत्रिय युवा वाहिनी चुप नहीं रहेगी। युवा वाहिनी के पदाधिकारियों का आरोप है कि इस धरने को अब देश विरोधी ताकतें भी समर्थन देने लगी हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए क्षत्रिय युवा वाहिनी के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि आज महाराण प्रताप की जयंती पर बैठक कर रणनीति तय की गई है। खाप पंचायत और राकेश टिकैत के विरोध में हमारे 4 हजार कार्यकर्ता अब बुलडोजर लेकर दिल्ली जाएंगे। क्षत्रिय युवा वाहिनी के पदाधिकारी स्वतंत्र सिंह ने कहा कि दिल्ली जंतर-मंतर पर जिस तरह से खाप पंचायत और टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हम लोगों ने भी तय किया है कि नेता बृजभूषण सिंह के समर्थन में दिल्ली कूच करेंगे। इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।
क्षत्रिय युवा वाहिनी के राष्ट्रीय संयोजक अमित सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप की जयंती पर क्षत्रिय युवा वाहिनी ने महापंचायत का आयोजन किया था। बैठक में नेताजी का जो प्रकरण चल रहा है, उस पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से खाप पंचायत और टुकड़े-टुकड़े लॉबी जांच पर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 200 किलोमीटर की परिधि में दो हजार से ज्यादा ठाकुरों के गांव हैं। अगर उसमें से 10 प्रतिशत लोग भी दिल्ली के जंतर मंतर पहुंच जाएंगे तो खाप पंचायत वहां से उड़ जाएगी।