2012 से बृजभूषण रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पद पर रहे। पहलवान और छह बार के सांसद बृजभूषण भी बाबरी विध्वंस से जुड़े थे। बृजभूषण का समाजवादी पार्टी के साथ भी जुड़े रहे। साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद बने।
बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप 2023 में जनवरी में सामने आया। जब पहलवान पहली बार सड़क पर उतरे थे। बृजभूषण विवादों के लिए नए नहीं हैं। उनके ऊपर डकैती और हत्या का प्रयास जैसे केस हैं।
वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “आरोपी के खिलाफ 40 मामले दर्ज हैं। आपको सूची दूंगा।” दिल्ली पुलिस ने शीर्ष अदालत को बताया किवह बृजभूषण के खिलाफ केस दर्ज करेगी। बृजभूषण उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा सांसद हैं।
मी‌डिया रिपोर्टों के अनुसार, “बृजभूषण को 30 से अधिक आपराधिक मामलों में बरी कर दिया गया था। बृजभूषण की हिस्ट्रीशीट के मुताबिक, अयोध्या में कुल 17, फैजाबाद में 12, नवाबगंज में 8 और दिल्ली में एक केस दर्ज किया गया। आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास और यूपी गैंगस्टर्स एक्ट और आर्म्स एक्ट सहित अन्य शामिल थे। साल 1993 तक यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत चार बार मामला दर्ज किया गया था।
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने शुक्रवार को कहा कि बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद वे उनका विरोध जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करना जीत की ओर पहला कदम है। बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई होने तक प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर रात बिता रहे हैं। पिछले पांच दिनों में, गद्दे, चादरें, पंखे, स्पीकर, माइक्रोफोन, पावर जेन-सेट, पानी, भोजन आदि सहित अस्थायी व्यवस्था पर ₹ पाँच लाख खर्च किए गए हैं।
जनवरी में देश के शीर्ष पहलवानों ने अपने मंच को राजनीतिक मैदान के तौर पर इस्तेमाल किए जाने से इनकार किया था। लेकिन इस बार उन्होंने राजनेताओं का स्वागत किया। आप की आतिशी और सौरभ भारद्वाज धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को आप सरकार का समर्थन दिया।

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