पहलवानों का धरना भले ही भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ खत्म हो गया हो पर विवाद अभी भी जारी है। धरना में मुख्य रूप से नजर आने वाले पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया अपनी तीन दिन पहले नौकरी पर वापस लौट चुके हैं, पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर से जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं, वो बेहद हैरान करने वाली है। बृजभूषण शरण सिंह के कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं का ब्यौरा देते हुए 6 पहलवानों में से एक महिला रेसलर ओर से दर्ज की गई FIR में सिंह पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।

शिकायत साफ-साफ में कहा गया है कि पिछले साल मार्च में जब लखनऊ में ट्रायल होने के बाद आखिर में एशियन चैंपियनशिप के लिए फोटो खिंचवा रही थी, तब उसने यानी सिंह ने उनके बॉडी पर गलत तरीके से हाथ फेरा। जिसके बाद उसने दूर जाने का प्रयास किया था। बृज भूषण और शिकायतकर्ता से कुछ फीट दूर खड़े इंटरनेशनल रेफरी जगबीर सिंह ने दिल्‍ली पुलिस के सामने गवाही दी और इस रेसलर के आरोपों की पुष्टि की है।

रेफरी जगबीर ने टीम के ग्रुप फोटो का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनसे इस बारे डिटेल में पूछा था। तब जगबीर ने बताया की- मैंने उसे यानी फेडरेशन चीफ बृजभूषण को महिला रेसलर के बगल में खड़े देखा था। उसने खुद को उसके गिरफ्त से छुड़ाया,उसे धक्का दिया, कुछ बुदबुदाई और फिर दूर चली गई। वह अध्‍यक्ष के बगल में खड़ी थीं, लेकिन फिर सामने आ गई।

मैंने देखा कि यह महिला पहलवान रिएक्‍ट कर रही थी और बहुत ज्यादा असहज थी। उसके साथ जरुर कुछ गलत हुआ। मैंने उसे कुछ करते हुए नहीं देखा, लेकिन उसके हाथ पैर खूब चलते थे। वह महिला रेसलर को छूकर कहता था- इधर आ जा। इधर आकर खड़ी हो जाओ। उस महिला पहलवान के व्यवहार से साफ़ झलक रहा था कि उस दिन फोटो सेशन के दौरान कुछ गलत हुआ था।

FIR दर्ज करने वाली महिला पहलवान ने अपने शिकायत में कहा- मेरी हाइट सबसे ज्यादा थी, ऐसे में मुझे लाइन के अंत में खड़ा होना था। जब मैं आखिरी पंक्ति में खड़ी थी और दूसरे पहलवानों के पोज़ीशन लेने का इंतज़ार कर रही थी, तभी आरोपी मेरे पास आकर खड़ा हो गया। मैंने अचानक अपने कमर के नीचले के हिस्से पर किसी का हाथ महसूस किया।

जब मैंने पीछे मुड़ी और उसके बाद उस हाथ रखने वाले शख्स को देखी तो हैरानी रह गई। आरोपी के अनुचित स्पर्श से खुद को बचाने के लिए मैंने तुरंत उस जगह से दूर जाने की कोशिश की, जब मैंने वहां से जाने का प्रयास किया तो आरोपी ने जबरन मेरा कंधा पकड़ लिया। मैंने किसी तरह उसे धक्का देकर खुद को उसके चंगुल से बचाया।

चूंकि मैं टीम की फोटो खिंचाने से नहीं बच सकती थी, ऐसे में मैंने आरोपी से दूर जाकर पहली पंक्ति में बैठने का फैसला किया। उम्मीद करते है कि दिल्ली पुलिस अब इस मामले की जांच में तेजी लाएगी और पारदर्शिता बरतेगी, जो भी सत्य होगा उसका पता लगाएगी। क्योंकि आने वाले कुछ महीने में कई सारे टूर्नामेंट होने हैं, ऐसे में अगर इस जांच को डिरेल किया जायेगा तो भारत के प्रदर्शन पर भी असर पड़ेगा।

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