महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के बीच बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बीजेपी जहां एक ओर खड़गे के चुनावी वादों पर उठाए सवाल को लेकर कांग्रेस को घेर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस संविधान और मनुस्मृति की तुलना कर बीजेपी और संघ पर निशाना साध रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार सुबह एक पोस्ट के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि बीजेपी को भारत के संविधान से इतनी नफरत क्यों हो गई है?

खड़गे ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि हम महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और असम के सीएम से पूछ रहे हैं कि वे संविधान से इतनी नफरत क्यों करते हैं। ये सवाल मोदीजी से भी है जिन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद संसद में संविधान को झुककर प्रणाम किया था। इसके साथ ही खड़गे ने लिखा कि बीजेपी और आरएसएस के नेता संविधान को बार-बार नक्सलवाद से जोड़कर देश में मनुस्मृति लागू करने का पराजित एजेंडा लाना चाहते हैं?

बीजेपी और संघ के नेता यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि संविधान सभी को बराबरी का हक देता है और दलित, आदिवासी, पिछड़े और गरीबों को शक्ति प्रदान करता है। इस दौरान खड़गे ने आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर का हवाला भी दिया। उन्होंने लिखा कि आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने 30 नवंबर 1949 के अंक में लिखा था कि “भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमे भारतीय कुछ भी नहीं है, प्राचीन भारत के अ‌द्भुत संवैधानिक विकास के बारे में इसमें कोई ज़िक्र ही नहीं है, आज तक मनुस्मृति में दर्ज मनु के कानून दुनिया की प्रशंसा का कारण हैं और वे स्वयंस्फूर्त आज्ञाकारिता और अनुरूपता पैदा करते हैं, हमारे संवैधानिक विशेषज्ञों के लिए यह सब निरर्थक है।” यहां आरएसएस साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी अंबेडकर के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में खड़ी है।

खड़गे यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा पूरा देश जानता है कि संघ परिवार ने उस समय किस तरह संविधान की प्रतियां जलाईं थी और पंडित नेहरू और आंबेडकर के पुतले फूंके थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और देश की जनता संविधान और आरक्षण विरोधी बीजेपी को करारा जवाब देगी।

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