उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां एक शादी के बाद सिर्फ कुल देवता के विवाद के कारण विवाह को रद्द कर दिया गया। यह मामला अब इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।

जयमाला और सात फेरे भी हो गए, लेकिन…
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना बाराबंकी के जैदपुर थाना क्षेत्र के लोहारपुरा गांव की है। यहां रंजना नामक लड़की की शादी सफदरगंज थाना क्षेत्र के उधौली गांव के आशीष कुमार से तय हुई थी। रविवार को बारात धूमधाम से पहुंची और शादी की सभी रस्में पूरी की गईं। जयमाला और सात फेरे भी हो गए, लेकिन जैसे ही विदाई की तैयारी शुरू हुई, अचानक एक विवाद ने सब कुछ बदल दिया।

जानिए, क्या थी शादी टूटने की वजह?
बताया जा रहा है कि विदाई से ठीक पहले किसी ने यह मुद्दा उठाया कि दूल्हे और दुल्हन के परिवारों के कुल देवता अलग-अलग हैं। इस बात को सुनते ही दुल्हन के परिवार के लोग नाराज हो गए। दुल्हन के मामा रामनेवाज ने आरोप लगाया कि वर पक्ष ने यह महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई और धोखा दिया। इसके बाद उन्होंने शादी तोड़ने की घोषणा कर दी और शादी में हुए खर्च की भरपाई की मांग भी की।

दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से शादी को रद्द करने का किया फैसला
वहीं मामला बढ़ता देख दोनों परिवार पुलिस थाने पहुंचे। यहां पर वर पक्ष ने आरोप लगाया कि वधू पक्ष ने शादी के जेवरात हड़प लिए हैं, जबकि वधू पक्ष ने शादी से जुड़े खर्च की भरपाई की मांग की। पूरे दिन थाने में पंचायत चलती रही और अंततः दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से शादी को रद्द करने का फैसला किया।

जानिए, क्या कहना है थाना प्रभारी सुधीर कुमार सिंह का?
थाना प्रभारी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि वे शादी नहीं करेंगे। इस घटना के बाद बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौट गई। इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि सात फेरे होने के बाद भी सिर्फ कुल देवता के विवाद के कारण शादी टूट गई।

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