भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत पर आम आदमी पार्टी (आप) खेमे में जश्न मनाए जाने पर चुटकी ली और कहा कि यह जीत नहीं बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए झटका है। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने एक संवाददाता सम्मेलन में शीर्ष अदालत के आदेश पर लोगों को “गुमराह” करने के लिए आप की आलोचना की और कहा कि यह शराब घोटाले में उनकी (केजरीवाल की) संलिप्तता और अभियोग पर मंजूरी की मुहर है।
आपको बता दें कि ईडी ने 17 मई को दायर अपने सातवें पूरक आरोपपत्र में आप संयोजक को “किंगपिन” और “प्रमुख विपक्ष” बताया था। आज सुबह आप मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को “सच्चाई की जीत” करार दिया और कहा कि इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री की सच्चाई के लिए लड़ाई को मान्यता मिली है। इसी के बाद बांसुरी स्वराज ने आप पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। और आदत से मजबूर आम आदमी पार्टी जनता को और मीडिया को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।
नई दिल्ली सीट से भाजपा सांसद स्वराज ने कहा कि आज जो आदेश आया है, उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जीत नहीं है, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि अरविंद केजरीवाल जी शराब घोटाले में दोषी हैं और ED के पास इसके लिए सारे तथ्य हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अर्जी लगाई थी कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है। लेकिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी इस अर्जी पर उन्हें कोई राहत नहीं दी है। बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने तो पाया है कि ED के पास पर्याप्त सबूत हैं।
युवा नेता ने कहा कि कुछ दिन पहले ED ने एक बहुत विस्तृत चार्जशीट कोर्ट के समक्ष रखी थी। उस चार्जशीट के तहत व्हाट्सएप चैट्स, साक्ष्य और बाकी तथ्य देखकर ये पता चला था कि अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाले के किंगपिन हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और उनके सहयोगी राजनीति का आनंद ले रहे हैं, लेकिन दिल्ली के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। हमने देखा है कि दिल्ली पानी के लिए संघर्ष कर रही थी, लेकिन AAP को इसकी जरा भी चिंता नहीं थी। आप ने दिल्ली को जिस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में पहुंचा दिया है, उसे देखते हुए केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में अंतरिम जमानत दे दी, और कहा कि उन्हें 90 दिनों से अधिक समय तक कारावास का सामना करना पड़ा है और यह मुद्दा किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार से जुड़ा है। यह फैसला केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी जीत का प्रतीक है, जिससे पार्टी की राजनीतिक कहानी को बहुत जरूरी बढ़ावा मिलेगा। उत्पाद शुल्क नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक अलग मामले की जांच के कारण केजरीवाल हिरासत में रहेंगे।