बहराइच हिंसा को लेकर प्रदेश में सियासत जारी है। प्रदेश के कई नेता बहराइच हिंसा को लेकर सरकार को घेर रहे है। बहराइच में हुई हिंसा हुए रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद अभी माहौल शांत ही हुआ था कि हिंसा के आरोपियों के एनकाउंटर की खबर से माहौल गरमा गया। उसके बाद प्रशासनिक कार्रवाइयां बहस का मुद्दा बनी हुई हैं।

पूर्व लोक सभा संसद और सपा नेता सैयद तुफैल हसन ने कहा कि लाखों की संख्या में लोग जुलूस निकालते हैं, झंडे फहराये जाते हैं। कहीं कोई झंडा लेकर चल रहा है तो कहीं कोई। ऐसा एक लड़के को पहले से तैयार करके किया गया। उन्होंने झंडा तोड़ने की कोशिश की और जाहिर तौर पर गुस्सा था। उसे गोली मार दी गई।न तो झंडा उतारना सही था और न ही गोली चलाना सही था।

सपा नेता एसटी हसन ने आगे कहा बाद जो हंगामा हुआ वो सबने देखा। पुलिस के नेतृत्व में लोगों के घर जलाये गये, दुकानें जलायी गयीं, लोगों के शोरूम जलाये गये और पुलिस तमाशबीन बनी रही, इससे और क्या पता चलता है? ऐसा क्यों हुआ? हमने कभी नहीं सोचा था कि ये दंगे की राजनीति इतने निचले स्तर तक गिर जाएगी।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 13 अक्टूबर को एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इलाके में काफी हिंसा हुई। हिंसा फैलाने के मुख्य आरोपी सरफराज और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें घरों को खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है। पीडब्ल्यूडी की तरफ से शुक्रवार देर रात नोटिस मिलने के बाद अब इलाके के लोग अपने घरों को खाली कर रहे हैं। कुल 23 घरों पर नोटिस चस्पा किया गया है, जिनमें 20 घर मुसलमानों के और तीन हिंदू परिवारों के हैं।

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