बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन में कई बड़े बदलाव किए हैं। उन्होंने प्रदेश के हर मंडल में चार-चार कोआर्डिनेटर बनाए हैं। इसके अलावा, बसपा ने दो जिला प्रभारी और दो विधानसभा प्रभारी भी बनाए हैं। रविवार को हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अगले छह महीने में पार्टी को मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अगले छह माह तक सभी काम रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि संगठन को अब नए सिरे से खड़ा किया जाए और मंडलीय व्यवस्था को फिर से बनाया जाए। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के साथ ही मुस्लिमों को जोड़ा जाए। साल 2007 में इनके दम पर ही बसपा पूर्ण बहुमत में आई थी। 

इसके साथ ही, बसपा प्रमुख ने देश के समक्ष अपार महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन जैसी समस्याओं पर भी बातचीत की और चिंता जताई। बसपा प्रमुख ने कहा कि महाकुंभ अगर अव्यवस्था, हादसा व हताहत-मुक्त होकर सरकारी दावे के अनुसार होता तो यह बेहतर होता।

15 मार्च को बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में बताया। पश्चिमी यूपी में केवल मेरठ मंडल के पार्टी के सभी लोग पूर्व की तरह गौतमबुद्ध नगर में जयंती मनाएंगे। लखनऊ मंडल, कानपुर व अयोध्या मंडल के सभी नेता लखनऊ में मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल पर मनाएंगे। बाकी सभी 14 मंडलों के लोग अपने-अपने जिले या मण्डल में हर वर्ष की तरह कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

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