छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में हुई हिंसा को लेकर प्रशासन के तेवर सख्त हैं। बलौदा बाजार में 10 जून को हुई हिंसा के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है।
गुरुवार देर रात सरकार ने एक आदेश जारी कर जिले के तत्कालीन कलेक्टर कुमार लाल चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया। वहीं, न्यायिक जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश सी.बी. बाजपेयी को नियुक्त किया गया है।
बीते दिनों बलौदा बाजार के गिरौधपुरी के महकौनी गांव में स्थित संत अमर दास की तपोभूमि के पवित्र प्रतीक जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इस घटना को लेकर सतनामी समाज के लोग सोमवार को विरोध-प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे थे। सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट में घुस गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। भीड़ ने कलेक्ट्रेट में आगजनी को भी अंजाम दिया। इस आगजनी में बड़ी तादाद में वाहनों को भी नुकसान हुआ था।
राज्य शासन ने जैतखाम के क्षतिग्रस्त होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार की देर रात तत्कालीन कलेक्टर चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सी.बी. बाजपेयी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है l राज्य शासन ने छह बिंदुओं पर जांच के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया है l वह तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे l
ज्ञातव्य है कि विगत 15 और 16 मई की रात बलौदा बाजार जिले के गिरौधपुरी धाम के ग्राम महकोनी स्थित अमर गुफा में जैतखाम के क्षतिग्रस्त होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की थी l