उत्तर प्रदेश के माफिया अशरफ अहमद के साले और अतीक अहमद गिरोह के सक्रिय सदस्य अब्दुल समद उर्फ सद्दाम को बरेली से बदायूं जेल में भेजा गया है। जेल अधीक्षक विनय कुमार द्विवेदी ने मंगलवार को कहा,”सद्दाम को मंगलवार को बदायूं जेल भेजा गया है। चिकित्सकों की एक टीम ने उसकी चिकित्सीय जांच की जिसमें वह स्वस्थ पाया गया। उसे एक अलग बैरक में रखा गया है।”

बता दें कि सद्दाम अशरफ की पत्नी जैनब का भाई है। जेल में अशरफ से अवैध मुलाकात कराने और सहूलियत पहुंचाने के मामले में सद्दाम के खिलाफ बिथरी चैनपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। सद्दाम बरेली जेल में ऐशो-आराम की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जेल अधिकारियों को संभवत, घूस के रूप में तरह-तरह के तोहफे देता था। जेल में बंद रहने के दौरान अशरफ और अब्दुल समद उर्फ सद्दाम ने पुलिस अधिकारियों को मारने, गवाहों को धमकाने और जेल से रंगदारी वसूलने की अक्सर साजिश रचा करते थे। उमेशपाल की हत्या के बाद भी उस पर मुकदमा दर्ज था। इसके बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था। उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित था। एसटीएफ और पुलिस की टीम हत्याकांड के बाद से ही इसे पकड़ने के लिए दबिश दे रही थी। जिसके बाद गत 28 सितंबर को एसटीएफ बरेली यूनिट ने इसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।

गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की इसी साल 15 अप्रैल को मीडिया से बातचीत के बीच खुद को पत्रकार बताने वाले तीन लोगों ने नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस वक्त पुलिसकर्मी दोनों को चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे। आरोप है कि सद्दाम बरेली जेल में लोगों की अशरफ से मुलाकात कराता था। उस समय अशरफ वहां बंद था। वर्ष 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज में उनके घर के बाहर हत्या के बाद सद्दाम, अशरफ, जेल अधिकारियों और अन्य के खिलाफ साजिश, जबरन वसूली और अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

 

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