500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो रहे हैं। ऐसे में अयोध्या से लेकर के पूरे भारतवर्ष में उत्सव का माहौल है। जिसका रंग अब राम के प्रिय वनवासी समुदाय पर भी देखने को मिल रहा है। जिन लोगों के बीच वनवास के दौरान राम रहे वह भी अब राम के स्वागत में डूबे हुए है। वनवासी समुदाय के मोहल्ले में सोहर गाए जा रहे हैं, राम के गीत गाए जा रहे हैं। हलवा पूड़ी बनाने की तैयारी चल रही है। सारी सामग्री जुटाई जा रही है।सबके घरों की सफाई हो गई है। दीपोत्सव मनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। मऊ जिले के हकीकतपुरा स्थित बनवासी समुदाय के बस्ती में जब पत्रिका उत्तर प्रदेश की टीम पहुंची तो यहां पर महिलाओं ने राम के लिए जो सोहर गीत गया वह राम और वनवासी समुदाय के अद्भुत संबंध को वर्णित करता है। महिलाओं ने गाया ,”राम बनवा में हो, राम बनवा में कैसे जीवन गुजारे , अब राम महलिया में जहिये ना हो”। कुछ इसी तरह की गीत महिलाएं गाकर के पूरे वातावरण को राममय कर रही है।
बातचीत करते हुए सुभावती देवी ने बताया कि हम लोग बहुत खुश हैं हमारे भगवान हमारे राम महल में आ रहे हैं। इसकी खुशी में हम लोग हलवा पूड़ी बनाएंगे। राम को भोग लगाएंगे, घर में दीपक जलाएंगे। महिलाओं से बातचीत करने में जो उनके चेहरे पर खुशी दिख रही है उससे साफ लग रहा है कि राम जन जन के हैं। राम जंगल में भी रहते हैं और राम महलों में भी रहते हैं ।राम का सबसे जुड़ाव है, राम सबके हैं।
जाहिर सी बात है जब राम लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं तो खुशियां और जश्न भी सर्वव्यापी रहेगा।
जाहिर सी बात है जब राम लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं तो खुशियां और जश्न भी सर्वव्यापी रहेगा।