सदर बाजार थाने से चंद कदम की दूरी पर एक सूने मकान में बैंक के सेवानिवृत्त प्रबंधक का शव 3 दिनों तक सड़ता रहा। बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने दरवाजे तोड़कर शव को निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि वह लगभग 13 साल से अकेले रह रहे थे।
थे और स्वयं खाना बनाने व अन्य दैनिक कार्य करते थे। वृद्धावस्था में वह बीमार रहने लगे थे। 27 सितम्बर को वह दुकान पर सामान खरीदने गए थे, और इसी समय लोगों ने उन्हें आखिरी बार देखा था। इसके बाद वह घर से बाहर नहीं आए। शनिवार की सुबह उनके अंदर से बंद घर से तेज दुर्गंध आ रही थी।
मोहल्ले के लोगों को लगा कि कोई चूहा मर गया होगा, इसलिए उन्होंने अपने आसपास सफाई कर ली। शनिवार की देर रात तक दुर्गन्ध और तेज हो गई। साथ ही सत्येंद्र गुप्ता के घर पर मक्खियां भी दिखाई देनी लगीं तो लोगों को संदेह हुआ। उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो अन्दर से कोई जवाब नहीं मिला। इस पर पुलिस को सूचित किया गया। सदर बाजार पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अन्दर तख्त पर उनका शव पड़ा था। सूचना पर उनका भांजा, दिल्ली में रहने वाले भतीजे गौरव व दीपक एवं भांजी के पति बृजेश गोयल झांसी आ गए। रविवार को पुलिस ने पंचनामा भरकर शव का पोस्टमार्टम करा दिया। सदर बाजार पुलिस का कहना है कि बीमारी के चलते लगभग 3-4 दिन पहले उनकी मौत हुई है।

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