भारत में सोने की मांग 2023 में 3 फीसदी गिरकर 747.5 टन रह गई, जो 2020 के बाद से सबसे कम है।

बढ़ती कीमतों ने आभूषणों की मांग को कम कर दिया है। ये बात वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी ) की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कही गई है।

डब्ल्यूजीसी ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय सोने की खपत 4 प्रतिशत गिरकर 266.2 टन हो गई। आभूषणों की मांग में गिरावट के कारण निवेश के मकसद के लिए सिक्कों और बार की बिक्री अधिक प्रभावित हुई।

डब्ल्यूजीसी ने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही में विवाह के कम शुभ दिन होने के कारण मांग कम रहने की संभावना है।

सरकार ने आयात को प्रतिबंधित करने के लिए सोने पर ऊंचा कस्टम लगाया है। इस पर बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च होती है जो कच्चे तेल जैसे आवश्यक आयात के लिए ज्यादा जरूरी है।

स्विट्जरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात भारत के लिए सोने के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हालांकि वैश्विक आभूषण बाजार रिकॉर्ड-उच्च कीमतों के बीच उल्लेखनीय रूप से मजबूत साबित हुआ है। मांग साल-दर-साल 3 टन बढ़ गई। चीन ने सोने की मांग में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर भारत में 9 प्रतिशतक की कमी की भरपाई करते हुए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2023 में सोने का खनन उत्पादन 1 प्रतिशत बढ़कर अपेक्षाकृत स्थिर रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिसाइकल में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो सोने की ऊंची कीमत को देखते हुए उम्मीद से कम थी और कुल आपूर्ति 3 प्रतिशत बढ़ गई।

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