समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए की गई घोषणाओं को ‘सरकार बचाने’ का प्रयास करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों और नौजवानों के साथ पूरे देश की अनदेखी की है। उन्होंने यह भी कहा कि देश का नौजवान आधी-अधूरी नहीं, बल्कि पक्की नौकरी चाहता है।
यादव ने आज (23 जुलाई) आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि आंकड़ों के हिसाब से बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन जो परियोजनाएं चल रही हैं वो समय पर पूरा नहीं हुई हैं…सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज या विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है। उन्होंने सवाल किया कि उत्तर प्रदेश, जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसानों के लिए भी कुछ बड़े फैसले हैं?
यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में मंडी को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं पिछली बार की गई थीं, लेकिन एक भी मंडी का निर्माण नहीं किया गया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने बेरोजगारी बढ़ाई है और अब वह आधी-अधूरी नौकरी तथा इंटर्नशिप की बात कर रही है। उनका कहना था कि प्रशिक्षण और इंटर्नशिप कराके नौकरी का सपना दिखाया जा रहा है। देश का नौजवान अपना भविष्य बनाने के लिए पक्की नौकरी चाहता है।
यादव ने सवाल किया कि क्या आधी-अधूरी नौकरी में आरक्षण होगा और क्या इस बजट के माध्यम से पक्की नौकरी के लिए क्या इंतजाम है? उन्होंने कहा कि अगर ‘गिफ्ट’ सिटी गुजरात में हो सकती है तो वाराणसी या गोरखपुर में क्यों नहीं सकती। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बजट में पूरे देश की अनदेखी की गई है।