मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा में बुधवार को एक वाहन में रखे एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में विस्फोट होने से तीन लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मणिपुर में फिर हुए इस बम विस्फोट में घायलों को बिष्णुपुर जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया और उनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इंफाल में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
सुरक्षा बलों ने इंफाल पश्चिम जिले के लीमाखोंग इलाके में कथित तौर पर आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए एक बंकर को नष्ट कर दिया।
मणिपुर के इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में दो स्थानों से भी प्रतिद्वंद्वी उग्रवादी संगठनों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की सूचना मिली है। हालांकि, फायरिंग की इन घटनाओं में किसी के मरने या घायल होने की खबर नहीं है।
इस बीच, सेना, असम राइफल्स और कई अन्य केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बल राज्य के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं।
बदमाशों के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद करने और हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान भी चलाया गया।
मणिपुर में कम से कम छह छात्र संगठनों ने उन नौ विधायकों का बहिष्कार करने का फैसला किया है, जिन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था के पूरी तरह चरमरा जाने की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा था।
ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुर स्टूडेंट्स फेडरेशन, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एलायंस ऑफ मणिपुर, और कांगलीपाक स्टूडेंट्स एसोसिएशन समेत छात्र निकायों ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि नौ विधायकों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि लोगों का राज्य सरकार और प्रशासन पर से भरोसा उठ गया है।
उन्होंने कहा कि यह नेताओं के लिए स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाने का समय नहीं है।
भाजपा के आठ विधायकों और एक निर्दलीय विधायक ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी को पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि लोगों को सरकार और प्रशासन पर भरोसा नहीं है।