उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में पहाडों और मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से अब गंगा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। इससे तराई और कटरी क्षेत्र में खतरा और बढ़ गया है। खौफजदा ग्रामीण अपने को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। गंगापार में 100 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बदायू बरेली को जोड़ने बाले हाइवे पर भी 4 फ़ीट तक पानी चल रहा है। वहीं जरियनपुर-शाहजहांपुर जाने वाले मुख्यमार्ग पर चौराहार गांव के सामने रोड पर करीब तीन-तीन फीट पानी बह रहा है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रो में पीएसी फ्लड कंपनी 12A बटालियन के 26 जवान व चार मोटरवोट ने मोर्चा संभाला है।
बता दें कि गंगा और रामगंगा में बाढ़ ने विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। करीब 100 से अधिक गांव प्रभावित हो गए हैं। कई गांवों और सड़कों पर दो-चार फीट पानी बह रहा है। लोगों को आवागमन में दिक्कत होने लगी हैं। तहसील प्रशासन ने गांवों में नावें चलवाना शुरू कर दिया है। नरौरा बैराज से गंगा में लगातार पांचवें दिन चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। इससे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। पांचाल घाट पुल पर गेज 137.10 मीटर से ऊपर पहुंच चुका है। यहां खतरे का निशान 137.10 मीटर पर है। वहीं रामगंगा नदी का जलस्तर गेज 135.70 मीटर पर पहुंच गया।
शमसाबाद क्षेत्र का गांव चितार जलमग्न है। करीब 20 परिवारों ने शमसाबाद-जरियनपुर मुख्यमार्ग पर राउटी लगा ली हैं। गांव कमथरी, अचानकपुर, कटरी तौफीक, पलानी दक्षिण, गुटेटी दक्षिण, अजीजाबाद नगरिया, दिलावर गंज आदि पानी से घिरे हैं। कटरी तौफीक और रूपपुर मंगलपुर मार्ग टूटने से आवागमन बंद है। गंगा में आई बाढ़ से कई गांव जलमग्न हैं। खेतों में खड़ी फसलें डूब गई हैं। कई मकान गंगा में समा गए हैं। शमशाबाद-जरियनपुर मुख्यमार्ग पर एक किमी दूरी तक तीन-तीन फीट पानी भरा है। यह पानी बैलगाड़ी मालिकों के लिए कमाई का जरिया बन गया। एक बाइक निकालने के बदले में 50 रुपये वसूले जा रहे हैं।