कहते हैं कि प्यार जाति-धर्म-मजहब नहीं मानता, यह कहावत चरितार्थ हुई है जनपद शामली में। जहां पर एक मुस्लिम प्रेमिका ने अपने हिन्दू प्रेमी से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया और मंदिर में जाकर शादी की। अब इस नवदंपत्ति को प्रेमिका के परिजनों से जान का खतरा बना हुआ है और प्रेमी युगल ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला शामली जिले के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव का है। जहां पर क्षेत्र के गांव गुर्जरपुर में क्षेत्र के ही गांव मछरौली का रहने वाला युवक रूपक चौधरी गांव में डॉक्टर की प्रैक्टिस करता था। डॉक्टर रूपक चौधरी का गांव की ही रहने वाली शाहनुम के परिवार में संपर्क था। एक दिन रूपक के नंबर पर शाहनुम ने हाय का मैसेज भेजा। जिसके बाद से दोनों के बीच में बातचीत का सिलसिला चालू हो गया और धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करने लगे। करीब डेढ़ वर्ष तक दोनों प्रेम प्रसंग में रहे और फिर इन्होंने 3 दिन पूर्व गांव से भागकर शामली के गांव बधेव में शादी कर ली। यही नहीं युवती शाहनुम ने अपना नाम परिवर्तन कर शालनी रख लिया। सोमवार को शाहनुम उर्फ शालनी के बयान कैराना की जूनियर डिवीजन कोर्ट में किए गए, जहां पर शाहनुम उर्फ शालिनी को उसके पति रूपक चौधरी के साथ भेज दिया गया।

आपको बता दें कि शाहनुम से शालनी बनी युवती का कहना था कि उनके पूर्वज कभी हिंदू थे। इसलिए उसने हिंदू धर्म अपनाकर हिंदू लड़के से मंदिर में शादी की है। मैंने स्वेच्छा से अपना नाम शाहनुम से बदलकर शालनी रख लिया है। मुझे मुस्लिम कट्टरपंथी सोच रखने वालों से परेशानी है। मेरा व रूपक का करीब डेढ़ वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा है। इसलिए मैंने बिना किसी दबाव के धर्म परिवर्तन कर शादी की है अब मैं अपने पति रूपक के साथ ही रहना चाहती हूं।

 

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