केरल के त्रिवेंद्रम में एक अदालत ने ग्रीष्मा नाम की महिला को अपने प्रेमी शेरोन राज को जहर देकर मारने के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। यह मामला नेय्याट्टिनकारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय में चला था। अदालत ने ग्रीष्मा के मामा निर्मलकुमारन नायर को भी सबूत नष्ट करने का दोषी माना जबकि उसकी मां सिंधुकुमारी को बरी कर दिया गया।

इस मामले के अनुसार ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाया और उसे जहर मिला हुआ आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जिससे उसकी मौत हो गई। ग्रीष्मा की मां और चाचा पर यह आरोप था कि उन्होंने जहर की बोतल छिपाकर सबूत नष्ट किए और अपराध को छुपाने की कोशिश की।

बता दें कि ग्रीष्मा को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 328 (जहर देकर चोट पहुंचाना), 302 (हत्या के लिए सजा) और 201 (सबूत नष्ट करना और झूठे सबूत देना) के तहत दोषी पाया गया है।

 

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