राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सराकर प्रीमियम बस सेवा शुरू करने की रणनीति पर काम कर रही है। लेकिन यह बस सेवा शुरू होने से पहले विवादों में घिर गई है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसमें घोटाले की आशंका जताई है। दिल्ली सरकार अंतरराज्यीय प्रीमियम बस सेवा 1600 बसों के साथ शुरू करेगी। ये बसें पांच राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब के लिए अलग-अलग रूट पर चलेगी। योजना को लेकर डीटीसी बोर्ड ने पहले ही मंजूरी दे दी है।
बताया जा रहा है कि डीटीसी निजी बस संचालकों को निविदा के जरिए इसका चयन करेगी। बसों का परिचालन दिल्ली से 200 से लेकर 300 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गंतव्य स्थलों तक चलाया जाएगा। यह बसें पांच राज्यों के जिन रूट पर चलेगी उसमें कुल 203 गंतव्य स्थल होंगे, जहां से यात्रियों को आवाजाही करना आसान होगा। इसमें 200 किलोमीटर के दायरे वाले रूट पर कुल 113 जबकि उससे अधिक लंबे रूट पर 90 गंतव्य स्थल चिह्नित किए गए हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सवाल उठाया कि साल 2016 में एप्प आधारित प्रीमियम बस सेवा रोक दी गई थी क्योंकि परिवहन विभाग के अनुबंध कैरिज नियम इसकी अनुमति नहीं देते हैं, फिर केजरीवाल सरकार इसे फिर से क्यों ला रही है? केजरीवाल सरकार का एप्प आधारित प्रीमियम बस सर्विस घोटाला, आम आदमी पार्टी के लिए प्राइवेट एग्रीगेटर्स के चंदे के खेल के अलावा और कुछ नहीं है। वीरेंद्र सचदेवा ने सवाल उठाया कि सीएम अरविंद केजरीवाल बताएं कि उनकी सरकार किस आधार पर एप्प आधारित प्रीमियम बस सेवा को पुनर्जीवित कर रही है जिसे 2016-17 में छोड़ना पड़ा था?
अंतरराज्यीय प्रीमियम बस सेवा भले ही डीटीसी परमिट के तहत चलेगी लेकिन उसमें महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की सुविधा नहीं होगी। प्रीमियम बसों का किराया कितना होगा यह भी तय नहीं है। अभी सरकार इसके परिचालन मॉडल पर काम कर रही है। प्रीमियम श्रेणी में उतारी जाने वाली सभी बसों में यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेगी। सुरक्षा के मद्देनजर अन्य सुविधाएं होंगी, जैसे-जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम), पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा के अलावा अन्य अत्याधुनिक उपकरण होंगे। इसमें यात्री चाहे तो सीधे बसों की निगरानी के लिए बनाए जा रहे नियंत्रण कक्ष से जुड़ सकेंगे।